News Room Post

Rajasthan: ‘CM गहलोत ने मुझे लाल डायरी जलाने के लिए कहा था, लेकिन…’, गुढ़ा के इस बयान से मची खलबली

नई दिल्ली। शायद यह कहना गलत नहीं होगा कि राजस्थान विधानसभा में उस वक्त अभूतपूर्व हंगामा देखने को मिला, जब गहलोत मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए गए राजेंद्र गुढ़ा को विधानसभा भवन में दाखिल नहीं होना दिया। इस पूरे वाकये का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें स्पष्ट देखा जा सकता है कि कैसे गुढ़ा को विधानसभा भवन में प्रवेश करने से रोका जा रहा है। गुढ़ा का आरोप है कि जब उन्होंने विधानसभा भवन में प्रवेश करने पर जोर दिया, तो कांग्रेस विधायकों ने उन्हें बुरी तरह पीटा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 40 विधायकों ने उन्हें पीटा जिससे वे बुरी तरह आहत हैं। आइए, आगे जानते हैं कि आखिर क्यों उन्हें विधानसभा भवन में दाखिल नहीं होने दिया गया।

बता दें कि राजेंद्र गुढ़ा के हाथों में लाल डायरी थी। जिसमें लिखी बातों का खुलासा वह विधानसभा भवन में करना चाहते थे, लेकिन उन्हें ऐसा करने रोक दिया गया। अब यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर उस लाल डायरी में ऐसा क्या था कि उन्हें कांग्रेस विधायकों के विरोध का सामना करना। हालांकि, इस बारे में गुढ़ा से मीडिया ने सवाल किया, लेकिन उन्होंने कोई खास जानकारी नहीं दी। सिर्फ इतना कहा कि आगामी दिनों में वो इस बारे में तफसील से खुलासा करेंगे, लेकिन इस बीच उन्होंने मीडिया से गहलोत सरकार द्वारा किए गए 500 करोड़ रुपए के लेन देने का जिक्र किया। आखिर वो किस लेन देन का जिक्र कर रहे थे। इस बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आ सकी है। सियासी गलियारों में चर्चा तेज है कि आखिर उस लाल डायरी में ऐसा क्या सच छुपा हुआ है, जिसके खुलासे से गहलोत सरकार डर रही है।

वहीं, गुढ़ा ने एक निजी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में यह कहकर भूचाल मचा दिया है कि सीएम गहलोत ने मुझसे उस लाला डायरी को जलाने के लिए भी कहा था, जिसमें सभी काले कारनामों का राज दफन हैृ, मगर जब मैंने ऐसा नहीं किया, तो मेरे साथ बदसलूकी की गई, जो कि आज जगजाहिर है। गुढ़ा के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में अभी लाल डायरी को लेकर चर्चाएं तेज हो चुकी हैं कि आखिर उसमें ऐसा क्या है। बता दें कि राजेंद्र गुढ़ा को बीते दिनों सीएम गहलोत ने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था। उनके पास नागरिक मंत्रालय की जिम्मेदारी थी, लेकिन बीते दिनों उन्होंने राजस्थान विधानसभा में अपनी ही सरकार को नसीहत देते हुए कहा था कि मणिपुर वायरल वीडियो पर चर्चा कराने की जगह हमें अपने प्रदेश में हो रहे महिलाओं संग दुराचार को लेकर चर्चा करानी चाहिए। कथित तौर पर गुढ़ा के इस नसीहत से खफा होने के बाद गहलोत ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया। इसके बाद गुढ़ा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मैं जब तक जिंदा हूं। इस सरकार की खामियों के बारे में बोलता रहूंगा।

वहीं, कांग्रेस का कहना है कि गुढ़ा बीजेपी के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। उधर, बीते दिनों इस संदर्भ में सीएम गहलोत से सवाल किया गया था, तो उन्होंने यह कह कर सिरे उठ रही सभी चर्चाओं पर विराम लगाने की कोशिश की कि यह हमारी पार्टी का अंदरूनी मामला है। इसका निवारण हम खुद ही कर लेंगे। लिहाजा इस पर बीजेपी को किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है। वहीं, गुढ़ा का एक पुराना बयान वाला वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे लेकर उन पर ही सवाल उठ रहे हैं। दरअसल, इस वायरल वीडियो में कथित तौर पर गुढ़ा यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि देखिए मैं किसी का भी सगा नहीं हूं। मुझे जहां मंत्रिपद दिया जाता है, तो मैं उस पार्टी की तरफ से चला जाता है। हालांकि, यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब गुढ़ा इस तरह गहलोत सरकार पर सवालों तीरे छोड़ रहे हैं, बल्कि इससे पहले भी वे कई मुद्दों को लेकर अपनी सरकार को सवालिया कठघरे में खड़ा कर चुके हैं। ध्यान दें कि कुछ माह बाद राजस्थान में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में गुढ़ा क्या कुछ कदम उठाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

Exit mobile version