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सीएम योगी आदित्यनाथ हुए सख्त, कहा विकास परियोजनाओं में लेटलतीफी, भ्रष्टाचार स्वीकार्य नहीं

Yogi meeting

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा है कि प्रदेश में विकास कार्यों में लेटलतीफी से परियोजना का वित्तीय बोझ अनावश्यक बढ़ जाता है। यह व्यवस्था कतई स्वीकार्य नहीं है। विकास कार्यों में पारदर्शिता लाएं, हर काम ई-टेंडरिंग (e-tendering) के जरिये हो। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को साफ निर्देश दिए हैं कि समयबद्धता और गुणवत्ता सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी परियोजना के लिए कार्यदायी संस्था का चयन करते समय उसकी क्षमता की परख जरूर की जाए,  साथ ही कहा है कि पीएम आवास, सीएम आवास और शौचालयों की जियो टैगिंग जरूर कराई जाए।

मुख्यमंत्री ने यह निर्देश मंगलवार को लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर बस्ती मंडल (बस्ती, सिद्धार्थनगर और संतकबीर नगर) के विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए दिया।

भगवान गौतम बुद्ध की क्रीड़ास्थली कपिलवस्तु में भारत स्वदेश योजनांतर्गत पर्यटन विकास की परियोजनाओं की धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने जवाबदेह अधिकारियों की तैनाती के निर्देश दिए। वहीं, बस्ती में निर्माणाधीन कलेक्ट्रेट भवन को स्वीकृति के 11 वर्ष बाद भी अधूरा होने पर नाखुशी जताई। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सिद्धार्थ नगर में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज की गुणवत्ता की परख के लिए मुख्यालय से टीम भेजने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार की शिकायतों पर तत्परता से कार्यवाही की जाए। दोषियों से वसूली भी कराई जाए। उन्होंने कहा कि जिले से लेकर शासन स्तर के अधिकारी तय समय सीमा में निर्णय लें। जिस स्तर पर देरी होगी, उसकी जवाबदेही तय की जाए। हर काम के लिए नोडल अधिकारी की तैनाती सुनिश्चित की जाए।

इसके साथ मुख्यमंत्री ने कहा कि सिद्धार्थ नगर में गौतम बुद्ध की क्रीड़ास्थली,  सन्त कबीरनगर में संत कबीर की निर्वाणस्थली और बस्ती में मखौड़ाधाम और 84 कोसी परिक्रमा का क्षेत्र है। इन्हें आधार बनाकर पर्यटन विकास की कार्ययोजना बनाएं और क्रियान्वित करें।

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि हर किसी को स्वास्थ्य और शिक्षा की सुलभ सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयासों के दृष्टिगत यह परियोजनाएं महत्वपूर्ण हैं। शुद्ध पेयजल, अच्छी शिक्षा हर नागरिक का अधिकार है। इन्हें तत्परता से पूर्ण कराया जाए। मुख्यमंत्री ने जनपद संतकबीरनगर में एक राजकीय इंटर कॉलेज की स्थापना का प्रस्ताव तैयार करने को कहा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि प्रदेश के करोड़ों किसानों की खुशहाली हमारी प्रतिबद्धता है। केंद्र और प्रदेश सरकार लगतार इस बाबत प्रयासरत हैं। कृषि क्षेत्र के बुनियादी संरचना की बेहतरी के लिए बहुत से काम हो रहे हैं। स्थानीय अधिकारी जनप्रतिनिधियों से समन्वय बनाकर हर ब्लॉक के लिए एफपीओ (फार्म प्रोड्यूसिंग आर्गेनाइजेशन) और गोदाम बनाने के लिए प्रस्ताव भेजें। इनसे स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के मौके सृजित होंगे। भंडारण संबंधी क्षति रुकेगी। भंडारित अनाज को किसान अपनी मर्जी से बेहतर भाव पर बेचकर खुशहाल होंगे। बस्ती मंडल कृषि प्रधान क्षेत्र है, ऐसे में इन योजनाओं की उपयोगिता वहां के लिए और अधिक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज के तहत बैंकों से समन्वय स्थापित कर प्रवासी श्रमिकों, पटरी व्यवसायियों सहित अन्य लोगों को आवश्यक वित्तीय सहायता दिलाई जाए। उन्होंने बस्ती, सिद्धार्थनगर और संतकबीरनगर जनपदों में ग्राम सचिवालय और सामुदायिक शौचालय के निर्माण को तीव्रता लाने के निर्देश दिए, साथ ही, मनरेगा के माध्यम से तालाबों का जीर्णोद्धार कराने के भी निर्देश दिए। सिद्धार्थ नगर के प्रसिद्ध कालानमक चावल को जीरो बजट की खेती से जोड़ने और उत्पाद जैविक हैं या नहीं इसके लिए स्थानीय स्तर पर लैब स्थापित करने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि जब तक कोविड-19 की कोई वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक बचाव और जागरूकता का क्रम जारी रखना होगा। कोरोना की इस जंग के साथ प्रदेश की विकास यात्रा सतत जारी रहेगी। धन के अभाव में कोई काम नहीं रुकेगा। थाना दिवस और सम्पूर्ण समाधान दिवस के आयोजनों को जनोपयोगी बनाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार, अवैध कब्जे आदि की शिकायतों का त्वरित निस्तारण किया जाए। जहां विवाद की संभावना हो, वहां निरोधात्मक कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारीगण आवश्यक संवेदनशीलता बरतें।

मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाई गई समस्याओं का समुचित निस्तारण करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।

 

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