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CM Yogi: रामचरितमानस जलाने के मुद्दे पर सीएम योगी का सपा पर निशाना, पूरे हिंदू समाज का अपमान बताया

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज विधानसभा में रामचरितमानस प्रसंग को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला। कहा कि रामचरितमान की चौपाइयां समाज को जोड़ने का काम करती हैं, लेकिन आज कुछ लोग अपने सियासी हित के लिए इन चौपाइयों की त्रुटिपूर्ण व्यख्या कर समाज को दिग्भ्रमित कर रहे हैं, जिसकी भत्सर्ना अनिवार्य है। इस बीच सीएम योगी ने रामचरितमानस की एक चौपाई का उल्लेख कर कहा कि, ‘अवधी में ताड़ने का सही अर्थ देखना होता है, लेकिन आज सब अपने हिसाब से ग्रंथों की व्याख्या कर रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि रामचरितमानस की रचना जिस कालखंड में हुई है, उस समय महिलाओं की दुर्गति किसी से छुपी नहीं है। सीएम योगी ने आगे कहा कि कुछ लोग सियासी हित के लिए रामचरिमानस की प्रतियां जलाकर 100 करोड़ हिंदुओं को अपमानित कर रहे हैं और यह सबकुछ सिर्फ और सिर्फ सियासी हित पाने के लिए किया जा रहा है।

बता दें कि बीते दिनों लखनऊ में कुछ लोगों ने रामचरितमानस की प्रतियां जलाई थीं, जिसके बाद इन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस घटना का जिक्र आज सीएम योगी ने विधानसभा में किया है। उधर, मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह राम-कृष्ण की धरती है, जिस पर हम सभी को गौरव करना चाहिए, लेकिन अब लोग सियासी हित के लिए कुछ भी करने पर आमादा हो चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि पहले प्रदेश में माफिया का दबदबा हुआ करता था, लेकिन आज की तारीख में हमने माफिया राज का जड़ से खात्मा किया है। बता दें कि यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब सीएम योगी ने रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के प्रकरण का जिक्र किया है, बल्कि इससे पहले भी उन्होंने एक निजी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में इस कुकृत्य का जिक्र किया था और रामचरितमानस की विश्वनीयता पर सवाल उठाने वाले लोगों को विकृत मानसिकता का शिकार बताया था।

रामचरितमानस की चौपाइयों को लेकर लड़ाई का शंखनाद सबसे पहले बिहार के शिक्षा मंत्री ने किया था, जिसमें उन्होंने बयान में उक्त शास्त्र में लिखित चौपाइयों को सामाजिक विभाजन का कारण बताया था। इसके बाद उत्तर प्रदेश में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर विवादास्पद टिप्पणी कर दी। उन्होंने तो रामचरितमानस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी, जिसके बाद बीजेपी सपा पर हमलावर हो गई थी, लेकिन सपा की ओर से बयान की आलोचना किए जाने से गुरेज किया गया।

यही नहीं, अखिलेश यादव ने इस प्रसंग के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य को महासचिव जैसे अहम पद से भी विभूषित किया, जिससे साफ जाहिर हुआ कि सपा प्रमुख को अपने नेता की विवादास्पद टिप्पणी से कोई आपत्ति नही है। बाद में इस मसले को लेकर बीजेपी ने भी हमला बोला। इस मसले को लेकर प्रदेश में राजनीतिक जंग भी देखने को मिली है, जिस पर सीएम योगी ने विधानसभा में सपा को आईना दिखा दिया है। बहरहाल, अब यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम

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