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फिर एक बार कांग्रेस का पीएम मोदी से सवाल, अब पूछा रहे क्या यह अंतिम लॉकडाउन या आगे और भी..?

नई दिल्ली। कोरोना महासंकट को देखते हुए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन की अवधि को 17 मई तक बढ़ा दिया है। लॉकडाउन के चलते सबसे ज्यादा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा रहा है। जिसके चलते देश को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वही लॉकडाउन बढ़ाए जाने को लेकर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है।

कांग्रेस ने पूछा कि इस लॉकडाउन से बाहर निकलने की सरकार की योजना क्या है और यह पूरी तरह खत्म कब होगा। साथ ही पार्टी ने प्रवासी मजदूरों के घर वापसी को लेकर भी हमला बोला। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार से आग्रह किया कि प्रवासी मजदूरों से किराया लिए बगैर उन्हें घर भेजने के लिए रेलगाड़ियों की व्यवस्था की जाए और किसानों, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) की इकाइयों और वेतनभोगी वर्ग को राहत देने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।

रणदीप सुरजेवाला ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कहा कि गृह मंत्रालय ने शुक्रवार शाम आदेश जारी कर 17 मई तक लॉकडाउन का तीसरा चरण लागू कर दिया। न प्रधानमंत्री सामने आए, न राष्ट्र को संबोधित किया, न गृहमंत्री आए, यहां तक कि कोई अधिकारी भी सामने नहीं आया। आया तो केवल एक आधिकारिक आदेश। सुरजेवाला ने सवाल किया कि लॉकडाउन के तीसरे चरण के पीछे क्या लक्ष्य और रणनीति है तथा इसके आगे का क्या रास्ता है? क्या लॉकडाउन-3 आखिरी है और 17 मई को खत्म हो जाएगा? या फिर, लॉकडाउन-4 व लॉककाउन-5 भी आने वाला है? यह पूर्णतया खत्म कब होगा?

उन्होंने पूछा कि 17 मई तक कोरोना संक्रमण व आर्थिक संकट से उबरने का लक्ष्य क्या है? मोदी सरकार ने 17 मई तक संक्रमण, रोजी-रोटी की समस्या व आर्थिक संकट से निपटने के लिए क्या लक्ष्य निर्धारित किए हैं? उन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए 17 मई तक क्या सार्थक व निर्णायक कदम उठाए जाएंगे?

उन्होंने ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी की तरफ से प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि लाखों मजदूरों की 15 दिन में बिना किराया लिए घर वापसी करने की खातिर सैनिटाइज की गई ट्रेन का इंतजाम किया जाए। गरीबों-मजदूरों-किसानों के जन-धन खातों, किसान योजना खातों, मनरेगा मजदूर खातों व बुजुर्ग-महिला-विकलांगों के खातों में सीधे 7500 रुपये डाले जाएं।

उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि किसानों का एक-एक दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदें व 24 घंटे के अंदर भुगतान हो। गन्ना किसान हो या अन्य किसान, सबके हजारों करोड़ रुपये के बकाए का सात दिनों में भुगतान हो। किसान का ब्याज माफ कर कर्ज वसूली एक साल के लिए स्थगित की जाए।

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