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IYC: किसान विरोध के नाम पर कांग्रेस ने डाली ये फोटो मगर इसकी असलियत तो कुछ और निकली

Rahul Gandhi and Sonia Gandhi

नई दिल्ली। साल 2020 के मानसून सत्र में केंद्र की मोदी सरकार ने किसान बिल को पास किया। इसके बाद से ही किसानों ने इस बिल को विवादित बताते हुए कृषि कानूनों के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। हालांकि इस बिले के विरोध में किसानों का प्रदर्शन कम और इस पर राजनीति ज्यादा हो रही है। 26 नवंबर को पंजाब के किसान दिल्ली की तरफ कूच करने के लिए सड़कों पर हैं। हरियाणा बॉर्डर पर किसानों का यह आंदोलन उग्र हो गया। हरियाणा और पंजाब की सीमा पहले से ही इसको आंदोलन की घोषणा के साथ सील कर दी गई। इसी को देखते हुए दिल्ली सीमा पर भी चौकसी साफ नजर आ रही है। हरियाणा के बॉर्डर में प्रवेश करनेवाले आंदोलनकारी किसानों को बुधवार को वाटर कैनन से तितर बितर करने की कोशिश की गई। वहीं गुरुवार को आंदोलनकारी किसानों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए। कुछ इलाकों से आंदोलनकारियों की जो वीडियो सामने आए उससे साफ पता चल रहा था कि यह प्रदर्शन उग्र हो गया है। क्योंकि किसानों ने पुलिस की बैरिकेड को उखाड़ कर नदी में फेंक दिया।

इस मामले पर यूथ कांग्रेस की तरफ से एक ट्वीट किया गया और किसान आंदोलन की तस्वीर डाली गई। इस फोटो के साथ यूथ कांग्रेस ने संदेश में लिखा कि भारत उन लोगों को कभी माफ नहीं कर सकता जो इस देश के पालने वालों के साथ आतंकियों की तरह व्यवहार करते हैं। लेकिन इस संदेश के साथ फोटो ट्वीट करते हुए यूथ कांग्रेस के सदस्यों ने वही गलती की जो वह बार-बार सरकार के विरोध के तौर पर करते रहते हैं।

इस ट्वीट के साथ जो तस्वीरें लगाई गईं उसकी हकीकत जानकर आपके भी होश उड़ जाएंगे। इससे साफ पता चल जाएगा कि दिल्ली और हरियाणा में अराजकता फैलाने के लिए इस तरह की तस्वीर का इस्तेमाल ट्वीटर पर किया गया। क्योंकि यूथ कांग्रेस ने जो तस्वीरें इस ट्वीट में लगाई वह दो साल पुरानी यानि 2018 के किसान आंदोलन की है। तस्वीर दिल्ली-यूपी बॉर्डर की है जिसे आज की तस्वीर बताकर पोस्ट की गई है।

ट्विटर पर इस तरह की फेक तस्वीर यूथ कांग्रेस के द्वारा जारी करने के बाद सोशल मीडिया पर जमकर यूथ कांग्रेस की थू-थू हो रही है। इस ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि भारत कभी भी उस पार्टी को माफ नहीं कर सकता जो भारत के लोगों को भड़काने के लिए पुरानी तस्वीरों का इस्तेमाल करती है।

आपको बता दें कि इसके बाद कई यूजर्स ने यूथ कांग्रेस की इस हरकत पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और सोशल मीडिया के जरिए कांग्रेस को फेक न्यूज के जरिए अराजकता फैलाने के लिए खूब खरी खोटी सुनाई है।

लगातार अपने सोशल मीडिया पर डाले गए बयानों की वजह से विवादों में रहनेवाले और जेल की हवा का चुके पत्रकार प्रशांत कन्नौजिया ने भी इसी तस्वीर को साझा करते हुए संदेश लिखा तो उसको भी सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जाने लगा।

APMC ACT: कानून जिसको कांग्रेस बनाए तो पवित्र और NDA सरकार बनाए तो किसान विरोधी?

किसान बिल को विरोध में संसद से सड़क तक किसानों ने संघर्ष शुरू किया तो इसपर विपक्षी दल भी राजनीतिक रोटियां सेंकने आ गए। खैर ये तो होना ही था लेकिन ये कैसे हो सकता था कि जिस विधेयक को कांग्रेस अपने घोषणापत्र में डालकर किसानों का हितैषी होने का दंभ भर रही थी जिसके जरिए वह 2019 में सत्ता तक पहुंचने का जुगत भिड़ा रही थी वह NDA यानी नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा विधेयक लाने के साथ ही अपवित्र कैसे हो गई। वही APMC ACT किसान विरोधी कैसे हो गया।

कृषि उपज मंडी एक्ट (APMC) में बदलाव का कांग्रेस पार्टी विरोध कर रही है हालांकि इसका विरोध केवल कांग्रेस ही नहीं कर रही बल्कि एनडीए के कई सहयोगी दल भी इस बिल का विरोध कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस का यह विरोध कर अपने ही जाल में फंसती नजर आ रही है। 2013 में वह दिन भी याद है जब खुद राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी के शासन वाले 12 राज्य अपने यहां फल और सब्जियों को APMC एक्ट से बाहर करेंगे। अब कांग्रेस पार्टी ही APMC एक्ट में बदलाव का विरोध कर रही है। नरेंद्र मोदी की सरकार ने किसानों के लिए अपनी उपज को APMC मंडी में बेचने की बाध्यता खत्म कर दी तो कांग्रेस को लगने लगा कि यह किसानों के साथ धोखा है। किसानों को फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य से वंचित रखने के लिए सरकार यह कदम उठा रही है। इससे जमाखोरी और महंगाई बढ़ेगी और किसानों से कांन्ट्रेक्ट खेती के जरिए पूंजीपति लोग उनकी मजबूरी का फायदा उठाएंगे।

चलिए मान लेते हैं ऐसा होगा तो यह बेहद गलत होगा। अन्नदाता सुखी भवः के सिद्धांत पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा। लेकिन जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी किसानों को भरोसा दिलाया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था समाप्त नहीं होगी और बनी रहेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विधेयकों में MSP को लेकर जो दुष्प्रचार किया जा रहा है वह सरासर झूठ है और किसानों के साथ धोखा है, तो फिर विपक्ष इस मामले पर झूठ क्यों फैला रहा है?

इस विधेयक में यह व्यवस्था की गई कि किसान अब जहां चाहे अपनी फसल बेच सकता है। कांग्रेस कह रही है कि इसके पीछे सरकार का मकसद न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था को खत्म करना है। हालांकि, खुद प्रधानमंत्री मोदी MSP की व्यवस्था को खत्म करने से इनकार कर चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने APMC एक्ट के बारे में कहा कि कोई भी व्यक्ति अपना उत्पादन, जो भी वो पैदा करता है, दुनिया में कहीं भी बेच सकता है, जहां चाहे, वहां बेच सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कपड़ा बनाने वाला जहां चाहे अपना कपड़ा बेच सकता है, बर्तन बनाने वाला, जूते बनाने वाला अपने उत्पाद कहीं भी बेच सकता है, लेकिन किसान भाई-बहनों को इन अधिकारों से वंचित रखा गया, मजबूर किया गया। अब नए प्रावधान लागू होने से किसान अपनी फसल देश के किसी भी बाजार में अपनी मनचाही कीमत पर बेच सकेंगे।

आज कांग्रेस पार्टी APMC एक्ट को लेकर सरकार का विरोध कर रही है लेकिन 2013 में इसका समर्थन कर रही थी। इतना ही नहीं 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए पेश किए गए घोषणा पत्र में कांग्रेस पार्टी ने APMC एक्ट को खत्म करने की बात कही थी। नरेंद्र मोदी सरकार ने उसी घोषणा को लागू किया तो कांग्रेस ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। यही कुछ कांग्रेस ने जीएसटी लागू करने के समय भी किया था।

इस पूरे मामले पर कांग्रेस की पोल पार्टी से बर्खास्त किए जा चुके नेता संजय झा ने खोलकर रख दी। एक्ट में बदलाव के खिलाफ कांग्रेस के विरोध पर संजय झा जमकर बरसे। संजय झा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में APMC एक्ट को खत्म किए जाने की बात कही थी और मोदी सरकार ने किसान बिल में यही किया है। संजय झा ने कहा है कि इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की एक ही सोच है।

अब ऐसे में यह सोचना जरूरी है कि एक ही कानून जिसको कांग्रेस बनाए तो पवित्र और NDA सरकार ने बनाया तो किसान विरोधी कैसे हो सकती है?

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