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Congress Praises Germany!: राहुल गांधी मामले में जर्मनी के टांग अड़ाने पर दिग्विजय सिंह ने धन्यवाद दिया, रिजिजू ने किया पलटवार

rahul gandhi and digvijay singh

नई दिल्ली। राहुल गांधी जब पिछले दिनों ब्रिटेन गए थे, तो उन्होंने कहा था कि अमेरिका और यूरोप के देश खुद को लोकतंत्र का पहरेदार कहते हैं, लेकिन भारत में लोकतंत्र की खराब हालत पर चुप्पी साधे हुए हैं। इसके बाद देश लौटने पर राहुल गांधी को मानहानि मामले में 2 साल की सजा हुई। फिर इस वजह से राहुल गांधी को संसद सदस्यता के अयोग्य करार दिया गया। उनसे सरकारी मकान भी छिनने वाला है। राहुल के इस पूरे मामले में पहले अमेरिकी विदेश विभाग ने टांग अड़ाने वाला बयान जारी किया। अब जर्मनी ने इस मामले में लोकतंत्र की दुहाई दी है। जर्मनी के विदेश विभाग की प्रवक्ता ने इस पर लोकतंत्र दी दुहाई दी है और जर्मनी की इसी प्रतिक्रिया से कांग्रेस खुश दिख रही है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कभी राहुल गांधी के राजनीतिक गुरु कहे जाने वाले दिग्विजय सिंह ने जर्मनी की प्रवक्ता के बयान के ट्वीट को शेयर कर इस मामले में धन्यवाद दिया है। दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट में कहा है कि राहुल गांधी को परेशान कर भारत में लोकतंत्र से समझौता करने के मामले में आपने जो संज्ञान लिया है, उसके लिए आपका धन्यवाद। अब दिग्विजय सिंह के इस बयान पर सियासत और गरमा गई है। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने जर्मनी की प्रवक्ता के बयान के मसले पर दिग्विजय के धन्यवाद को आधार बनाकर राहुल गांधी को निशाने पर लिया है। किरेन रिजिजू ने लिखा है कि विदेशी ताकतों को भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप के लिए न्योता देने पर राहुल गांधी का धन्यवाद। याद रखिए, भारतीय न्यायपालिका पर विदेशी ताकतें दबाव नहीं डाल सकतीं। हमारे पीएम नरेंद्र मोदी की वजह से भारत अब विदेशी दबाव को हरगिज बर्दाश्त नहीं करेगा।

अब आपको बताते हैं कि जर्मनी के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने क्या कहा है। जर्मनी के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने मीडिया से कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि राहुल गांधी के मामले में न्यायिक स्वतंत्रता और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत लागू किए जाएंगे। जर्मनी के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने ये भी कहा कि उनकी सरकार को पता चला है कि राहुल गांधी फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं। उसके बाद साफ होगा कि ये किस आधार पर दिया गया। प्रवक्ता ने ये भी कहा कि कोर्ट में अपील से ये भी पता चलेगा कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने का कोई आधार था या नहीं। इससे पहले अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने भी राहुल गांधी के मामले में बाइडन सरकार की नजर होने की बात कही थी। पटेल ने ये भी कहा था कि इस मसले पर अमेरिका और भारत लगातार संपर्क में हैं। अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने भी इस मामले में हस्तक्षेप का आग्रह पीएम मोदी से किया था।

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