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‘उत्तर-दक्षिण’ की राजनीति को लेकर राहुल पर आफत, अब कांग्रेस में ही दिख रहा दो फाड़!

नई दिल्ली। केरल के वायनाड से सांसद और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अपने एक नए बयान के चलते विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए हैं। उनके बयान की वजह से उनपर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने साउथ और नॉर्थ के बीच अंतर पैदा करने की कोशिश की है। दरअसल राहुल गांधी ने मंगलवार को त्रिवेंद्रम में चुनावी जनसभा करते हुए कहा था कि, पहले 15 साल तक मैं उत्तर में एक सांसद था। मुझे एक अलग तरह की राजनीति की आदत हो गई थी। मेरे लिए केरल आना बहुत नया था, क्योंकि मुझे अचानक लगा कि यहां के लोग मुद्दों पर दिलचस्पी रखते हैं और न केवल सतही रूप से बल्कि मुद्दों को विस्तार से जानने वाले हैं। अब इस मामले को लेकर राहुल विपक्षी दलों के जुबानी हमले झेल रहे हैं। इतना ही नहीं राहुल गांधी को अपने बयान के चलते अब पार्टी के भीतर भी विरोधी बयानों का सामना करना पड़ रहा है।

आलम ये है कि राहुल के इस बयान पर कांग्रेस के नेता दो धड़ों में बंटते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस के नेता विशेष रूप से जी-23 के सदस्य, जिन्होंने पार्टी में सुधारों के लिए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था, उन्होंने कथित तौर पर कहा है कि यह राहुल गांधी पर है कि वह उत्तर बनाम दक्षिण पर दिए अपने बयान का मतलब स्पष्ट करें। कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा जैसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी ही इसके सही मायने को स्पष्ट कर सकते हैं, जबकि अन्य कांग्रेस नेताओं ने राहुल की टिप्पणी का बचाव किया है।

इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उत्तर के महान नेता कांग्रेस के पास रहे हैं और संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, कैप्टन सतीश शर्मा से लेकर राहुल गांधी तक कांग्रेस के नेताओं को चुनने के लिए पार्टी अमेठी के लोगों की आभारी है। राज्यसभा में पार्टी के उप नेता आनंद शर्मा ने कहा, ‘अपने किसी अनुभव के आधार पर राहुल गांधी ने टिप्पणी की है, मुझे इसमें किसी क्षेत्र के अपमान की बात नहीं दिखती। फिलहाल राहुल गांधी ही इसपर स्पष्टीकरण दे सकते हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने देश को एक समझा है, हमने कभी क्षेत्र, भाषा और धर्म के आधार पर लकीर नहीं खींची।’

पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने राहुल गांधी के बयान पर कहा कि, “मतदाताओं का सम्मान होना चाहिए, चाहे वो उत्तर का हो या दक्षिण का हो। मतदाताओं कहीं का भी, वो मतदाता होता है। उसे पता होता है कि किसे वोट देना है, किस उम्मीदवार को वोट देना है, किस राजनीतिक दल को वोट देना है।”

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