नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जबर्दस्त हार के बाद कांग्रेस ने फिर से ईवीएम को लेकर पुराना राग अलापना शुरू कर दिया है। अपनी हार को पचा नहीं पा रही कांग्रेस ने अबकी बार ईवीएम के साथ-साथ चुनाव आयोग के खिलाफ भी मोर्चा खोलने का मन बना लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि उनकी पार्टी ईवीएम से चुनाव नहीं चाहती इसके साथ ही उन्होंने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की। मल्लिकार्जुन खड़गे ने ऐलान किया है कि वो ईवीएम के खिलाफ और बैलट पेपर्स से चुनाव कराए जाने के समर्थन में यात्रा निकालेंगे।
कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित संविधान रक्षक अभियान कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जैसे ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाली गई थी, वैसे ही बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग के लिए एक देशव्यापी अभियान चलाया जाएगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के इस ऐलान से साफ है कि महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे उनको हजम नहीं हो रहे हैं। इससे पहले हरियाणा चुनाव में भी कांग्रेस तगड़ा झटका खा चुकी है। जम्मू कश्मीर में भी नतीजे कांग्रेस के लिए अच्छे नहीं थे। लगभग सारे एग्जिट पोल हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने का दावा कर रहे थे इसके उलट चुनाव का रिजल्ट बीजेपी के पक्ष में आया। बीजेपी ने पूर्ण बहुमत के साथ हरियाणा में सरकार बनाई।
इसके बाद महाराष्ट्र में भी कुछ ऐसा ही हुआ हालांकि यहां के ज्यादातर एग्जिट पोल बीजेपी नीत महायुति गठबंधन की सरकार बनने का ही अनुमान लगा रहे थे, मगर कांग्रेस और उसका महाविकास अघाड़ी गठबंधन अपनी जीत को लेकर आश्वस्त था। महाराष्ट्र में तो कांग्रेस समेत उसके सहयोगी दलों शिवसेना यूबीटी और एनसीपी-एससीपी को जनता ने एक तरह से सिरे से नकार दिया है। बीजेपी जहां अकेले 132 सीटों पर जीती है तो वहीं महाविकास अघाड़ी के तीनों दल मिलकर सिर्फ 46 सीटें जीत सके जिसमें से कांग्रेस के खाते में मात्र 16 सीटें आईं।