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सरकार ने की घोषणा, अब अपने घर लौटे प्रवासी कामगारों को प्रदेश में ही मिलेगा 125 दिनों का रोजगार

नई दिल्ली। कोरोना संकट के कारण लाखों-करोड़ों प्रवासी मजदूर अपने गांव लौट चुके हैं। इन्हें रोजगार देने के मकसद से मोदी सरकार ने ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ शुरू करने का फैसला किया। 20 जून को खुद प्रधानमंत्री मोदी इस मिशन की शुरुआत बिहार से करेंगे। उससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हमने पूरे देश में 116 जिलों की पहचान की है जहां बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर घर वापस हुए हैं।

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रवासी कामगारों के लिए 125 दिनों तक के लिए मेगा रोजगार योजना संचालित की जाएगी। इसमें सरकार की 25 स्कीमें शामिल की जाएंगी। प्रवासी मजदूरों की मदद से सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रवासी कामगारों के लिए 50,000 करोड़ रुपये की मेगा रोजगार योजना लाई जाएगी। कामगारों को स्किल के हिसाब से 25 सरकारी स्कीम के काम दिए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि इस अभियान को लागू करने से पहले सरकार ने स्किल मैपिंग की है। उस आधार पर इससे कम से कम 25 हजार मजदूरों को जरूर लाभ मिलेगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि सरकार को पता है कि किस जिले में प्रवासी कामगार लौटे हैं। इन छह राज्यों के 116 जिलों में करीब 67 लाख प्रवासी मजदूर वापस हुए हैं। इन 116 जिलों में बिहार में 32, उत्तर प्रदेश में 31, मध्य प्रदेश में 24, राजस्थान में 22, ओडिशा में 4 और झारखंड में 3 जिले शामिल हैं।

शहरों से गांव लौटे श्रमिकों की स्किल मैपिंग की गई : वित्तमंत्री

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि देश भर के श्रमिक राष्ट्रव्यापी बंद शुरू होने के बाद अपने गांव वापस जाना चाहते थे, जिसके लिए केंद्र व राज्य सरकारों ने व्यवस्था की। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य ने शहरों से गांव लौटे इन श्रमिकों की स्किल की मैपिंग की है।

वित्तमंत्री ने गरीब कल्याण रोजगार अभियान योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना संकट के दौरान देश में लागू राष्ट्रव्यापी बंद में प्रवासी मजदूर शहर छोड़कर अपने गांव चले गए और छह राज्यों के 116 जिलों में सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर शहरों से लौटे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों ने इन श्रमिकों की स्किल की मैपिंग की है।

सीतारमण ने जानकारी दी कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खगड़िया जिले से रोजगार अभियान शुरू कर रहे हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जून को गरीब कल्याण रोजगार अभियान योजना लॉन्च करेंगे।

मनरेगा का भी बजट 1 लाख करोड़ किया गया था

उन्होंने कहा कि बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा और राजस्थान में प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में घर लौटे हैं। उनके लिए रोजगार उपलब्ध करवाना हमारी पहली प्राथमिकता है। बात दें कि आत्मनिर्भरत भारत पैकेज में भी इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मनरेगा का बजट 40 हजार करोड़ से बढ़ाकर एक लाख एक हजार करोड़ कर दिया है।

ये काम कराए जाएंगे

इस अभियान के तहत कम्युनिटी सैनिटाइजेशन कॉम्पलेक्स, ग्राम पंचायत भवन, वित्त आयोग के फंड के अंतर्गत आने वाले काम, नैशनल हाइवे वर्क्स, जल संरक्षण और सिंचाई, कुएं की खुदाई. पौधारोपण, हॉर्टिकल्चर, आंगनवाड़ी केंद्र, पीएमआवास योजना (ग्रामीण), पीएम ग्राम संड़क योजना, रेलवे, श्यामा प्रसाद मुखर्जी RURBAN मिशन, पीएम KUSUM, भारत नेट के फाइबर ऑप्टिक बिछाने, जल जीवन मिशन आदि के काम कराए जाएंगे।

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