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कोरोना संकट में म्यूचुअल फंड्स को RBI ने दी राहत की खुराक, 50 हजार करोड़ की विशेष नकदी सुविधा का ऐलान

नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच ऐसा कोई क्षेत्र शायद ही होगा जो प्रभावित ना हुआ हो, ऐसे में म्यूचुअल फंड्स पर भी संकट के बादल नजर आ रहे थे। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक ने विशेष नगदी सुविधा का ऐलान किया है। इस ऐलान के बाद म्युचुअल फंड सेक्टर को आर्थिक चुनौती के दौर से निपटने में बड़ी मदद मिलेगी।

बता दें कि म्यूचुअल फंडों पर नकदी के दबाव को कम करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने अहम फैसला लिया है। आरबीआई ने म्यूचुअल फंड के लिए 50 हजार करोड़ के विशेष नकदी सुविधा का ऐलान किया है। आरबीआई के इस फैसले का पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने स्वागत किया है।

इसके तहत बैंक 90 दिन का फंड भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो विंडो से ले सकते हैं और इसका इस्तेमाल सिर्फ म्यूचुअल फंड को कर्ज देने या उनके पास मौजूद कॉरपोरेट पेपर खरीदने में कर सकते हैं। यह योजना 27 अप्रैल से 11 मई तक चालू रहेगी। पी. चिदंबरम ने कहा कि मैंने दो दिन पहले ही चिंता जताई थी, हमारी फिक्र पर आरबीआई ने ध्यान दिया और यह फैसला लिया।

रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि इस बढ़ते दबाव के चलते म्यूचुअल फंड कंपनियों को कुछ बांड योजनाओं को बंद करना पड़ा है। इसके और नुकसानदायक प्रभाव भी हो सकते हैं। हालांकि यह दबाव मुख्य तौर पर ज्यादा जोखिम वाले बांड म्यूचुअल फंड तक ही सीमित है जबकि अन्य कंपनियों / योजनाओं की नकदी स्थिति सामान्य है।

बयान में कहा गया है, ‘‘म्यूचुअल फंड कंपनियों पर नकदी के दबाव को कम करने के लिए उन्हें 50,000 करोड़ रुपये की विशेष नकदी सुविधा (ऋण सहायता) उपलब्ध कराने का निर्णय किया गया है।’’ रिजर्व बैंक ने कहा कि वह हालातों को लेकर सतर्क है। कोरोना वायरस के आर्थिक असर को कम करने और वित्तीय स्थिरता को कायम रखने के लिए वह हरसंभव कदम उठा रहा है।

दरअसल 50 हजार करोड़ रुपये के ऐलान के जरिए आरबीआई यह संकेत देना चाहती है कि आप घबराएं नहीं। सरकार, आरबीआई और बाकी संस्थाएं सभी सेक्टर को लेकर चिंतित हैं। माना जा रहा है कि आरबीआई आगे भी कुछ और पैसे का ऐलान कर सकता है।

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