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अब दिल्ली में तंबू लगाकर होगा कोरोना का इलाज, टेंपररी अस्पताल बनाएगी सरकार

नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जिसको देखते हुए अरविंद केजरीवाल सरकार सतर्क हो गई है। केजरीवाल सरकार कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर दक्षिणी दिल्ली में विशाल तंबू में कोरोना वायरस रोगियों के लिए 10 हजार बिस्तरों वाला अस्थायी कोविड-19 अस्पताल तैयार करने की योजना बना रही है।

यह प्रस्तावित अस्पताल आध्यात्मिक संगठन स्वामी सत्संग व्यास के दक्षिणी दिल्ली स्थित परिसर में स्थापित किया जाएगा। वहीं, राधा स्वामी सत्संग भाटी माइंस के सचिव विकास सेठी ने कहा कि संगठन का हरा-भरा परिसर दिल्ली-हरियाणा सीमा के नजदीक स्थित है। कोविड-19 अस्पताल की लंबाई 1700 फुट जबकि चौड़ाई 700 फुट होगी। इस तरह से ये दिल्ली का सबसे बड़ा अस्थायी अस्पताल होगा। जून के अंत तक इसका काम पूरा होने की उम्मीद है।

दरअसल, दिल्ली सरकार के अनुमान के अनुसार जुलाई के अंत तक राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 रोगियों की संख्या पांच लाख से अधिक हो सकती है। तब कोविड-19 रोगियों के लिए लगभग एक लाख बिस्तरों की जरूरत पड़ेगी। फिलहाल दिल्ली में राज्य सरकार, केन्द्र सरकार और निजी अस्पातलों में कोविड-19 के लिए समर्पित कुल 9,647 बिस्तरों की व्यवस्था है। इनमें से 5,402 पर रोगी भर्ती हैं।

वहीं इसके अलावा दिल्ली सरकार ऐसे समुदाय भवनों और स्टेडियमों की भी पहचान शुरू कर दी है, जिन्हें अस्थायी कोविड-19 अस्पताल बनाया जा सकता है। उधर, राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस की जांच में कमी को लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा चिंता जताने के एक दिन बाद शनिवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इसकी जिम्मेदारी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद पर डालते हुए कहा कि जांच में वृद्धि करने के लिए उसके दिशा-निर्देशों में बदलाव होना चाहिए।

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