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कोरोना संक्रमित डॉक्टर की मौत, शव दफनाने को लेकर हुई हिंसा, दोस्त को आधी रात कब्र खोदने के लिए उठाना पड़ा फावड़ा

नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के बीच कई ऐसी खबरें सामने आ रही हैं जो इंसान से एक लंबे वक्त तक नहीं भुलाई जाएंगी। ऐसी ही एक खबर तमिलनाडु से सामने आई जहां पर एक अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर को आधी रात बीत जाने के बाद फावड़ा उठाना पड़ा, क्योंकि उसके न्यूरो सर्जन दोस्त का कोरोनावायरस के चलते देहांत हो गया था। न्यूरो सर्जन डॉक्टर की अंतिम यात्रा में अंत्येष्टि के लिए कई लोग इकट्ठे हुए थे। लेकिन इन सभी लोगों को शव को दफनाने से पहले कब्रिस्तान में ही छोड़कर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा।

अब इस मामले पर सतर्कता दिखाते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बेहद गंभीर है। इसीलिए सोमवार को आईएमए ने चेतावनी दी कि अगर इस तरह की घटनाएं रोकने में राज्य सरकारें असफल रहती हैं तो जरूरी जवाबी कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। लोग विरोध के स्वर इसलिए बुलंद कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति का शव अगर उनके क्षेत्र में दफनाया जाता है तो ऐसे में वहां मौजूद लोगों के ऊपर भी कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा पैदा हो सकता है। इसी के चलते 55 वर्षीय न्यूरोसर्जन की मौत के बाद जब शव को कब्रिस्तान तक ले जाया गया तो भीड़ ने एंबुलेंस तक को नहीं बख्शा और उसके कांच तक फोड़ दिए।

वहां मौजूद भीड़ ने गुस्से के चलते ईंट, पत्थर, बोतल और लाठियों से वहां मौजूद सभी लोगों पर जोरदार हमला बोल दिया और उन्हें वहां से भगा दिया गया। पुलिस के मुताबिक इस घटना में दो एम्बुलेंस चालकों सहित सात लोगों के साथ मारपीट की गई। जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।

इस घटना के बाद 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उन्हें स्थानीय अदालत के फैसले के तहत न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। गौरतलब है तू कोरोनावायरस संक्रमण से मरने वालों के शव को दफनाने को लेकर कई तरह की अफवाह सोशल मीडिया पर चल रही है जिसकी वजह से लोगों के अंदर डर का माहौल है।

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