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BBC: ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ डॉक्यूमेंट्री को लेकर बीबीसी पर कसा शिकंज, कोर्ट ने जारी किया समन

नई दिल्ली। बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने मानहानि मामले में बीबीसी को समन जारी किया है। दरअसल, गुजरात की गैर लाभकारी संगठन जस्टिस ऑन ट्रिला ने कोर्ट में याचिका दायर कर डॉक्यूमेंट्री के जरिए पीएम मोदी की छवि को खराब करने का आरोप लगाया था। याचिका में दावा किया गया था कि डॉक्यूमेंट्री के जरिए ना महज पीएम मोदी की छवि को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास किया गया है, बल्कि न्यायपालिका की अवमानना भी की गई है। सनद रहे कि सुप्रीम कोर्ट पीएम मोदी को गुजरात दंगा मामले में सबूतों के अभाव में क्लीनचिट दे चुकी है, लेकिन इसके बावजूद डॉक्यूमेंट्री के जरिए पीएम मोदी की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है। वहीं, संगठन की ओर से कोर्ट में पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने दलील रखते हुए कहा कि डॉक्यूमेंट्री के जरिए भारत की न्यायपालिका और प्रशासनिक व्यवस्था को बदनाम करने की कोशिश की गई है। इसके बाद कोर्ट की ओर से सभी प्रतिवादियों को नोटिस भी जारी किया गया है।

बता दें कि गत 17 जनवरी को बीबीसी की ओर से गुजरात दंगे पर आधारित डॉक्यूमेंट्री का पहला एपिसोड जारी किया गया था। जिसके बाद देशभर में इसका विरोध शूरू हो गया। इस विवादित एपिसोड को केंद्र के निर्देश पर यूट्यूब से हटा दिया गया, लेकिन इसके बावजूद भी कई जगहों पर इसकी स्क्रीनिंग की गई, जिसमें से कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई गई। इतना ही नहीं, ब्रिटिश सांसदों ने भी इस डॉक्यूमेंट्री का विरोध किया और कहा कि यह भारत की छवि को खराब करने के मकसद से बनाई गई है। वहीं, ब्रिटेन की संसद में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी इस पर बयान दिया था। दरअसल, उन्होंने कहा था कि बीबीसी द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंट्री में बिल्कुल भी सत्यता नहीं है। यह डॉक्यूमेंट्री महज राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर बनाई गई है। जिसमें बिल्कुल भी सत्यता नहीं है, लिहाजा हमें इसका विरोध करना चाहिए। वहीं, इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर भारत में भी राजनीति गरमा गई थी। जहां कुछ लोग इस डॉक्यूमेंट्री का विरोध कर रहे थे , तो वहीं कइयों ने समर्थन भी किया था।

दूसरों में शब्दों में कहें तो कांग्रेस के नेताओं ने इस डॉक्यूमेंट्री का खुलकर समर्थन किया था और यह कहा था कि गुजरात दंगे की सोची समझी साजिश का इस फिल्म में खुलासा किया गया है। लेकिन बीजेपी ने इसका विरोध किया था। बीजेपी ने इस पूरे मसले को राष्ट्रवाद के रंग में घोलते हुए कहा था कि ब्रिटेन वैश्विक मंच पर पीएम मोदी का बढ़ता दबदबा बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है, जिसे ध्यान में रखते हुए उसकी तरफ से भारत की छवि को खराब करने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। बहरहाल, अब आगामी दिनों में यह पूरा माजरा क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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