नई दिल्ली/पटना। सेना की अग्निपथ योजना में अग्निवीरों की भर्ती के खिलाफ बिहार समेत कई राज्यों में हो रहे प्रदर्शन और हिंसा के बाद मोदी सरकार ने आज योजना की समीक्षा करने का फैसला किया है। वहीं, आंदोलनकारियों ने आज बिहार बंद का आह्वान किया है। योजना के एलान के साथ ही आंदोलन शुरू हो गया था। इस दौरान जमकर हिंसा और आगजनी हुई है। सूत्रों ने बताया कि पिछले दो दिन से बने हालात को देखते हुए आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अग्निवीर योजना की समीक्षा करेंगे। समीक्षा के लिए होने वाली बैठक में वायुसेना प्रमुख, नौसेना प्रमुख और रक्षा मंत्रालय के अधिकारी होंगे। बैठक में थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय नहीं रहेंगे। वो वायुसेना की पासिंग आउट परेड के लिए हैदराबाद गए हैं।
अग्निवीर योजना के बाद बिहार में सबसे ज्यादा प्रदर्शन और हिंसा देखने को मिली है। इस वजह से कम से कम 300 ट्रेनों के परिचालन पर असर पड़ा है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक अब तक 200 से ज्यादा ट्रेनों को हिंसा की वजह से रद्द करना पड़ा है। आंदोलन करने वालों ने 13 ट्रेनों के करीब 60 कोच फूंक दिए। चलती ट्रेनों को रोककर और वॉशिंग लाइन पर खड़ी ट्रेन के डिब्बों में आगजनी की गई। कई ट्रेनों के इंजन भी फूंक दिए गए। रेलवे के पूर्व-मध्य जोन में 64 ट्रेनों को गंतव्य से पहले ही रोकना पड़ा। इससे आम लोगों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
उधर, आज आंदोलनकारियों ने बिहार बंद का आह्वान किया है। इसे देखते हुए नीतीश सरकार ने पुलिस और जिलों के प्रशासन को चौकसी बरतने के लिए कहा है। हालांकि, पिछले दो दिन से बिहार में जिस तरह हिंसा चल रही है, उससे निपटने में नीतीश सरकार की पुलिस नाकाम ही दिखी है। पुलिस की मौजूदगी में रेलवे स्टेशनों पर तोड़फोड़, कैश और प्लेटफॉर्म के स्टॉल्स में लूटपाट और ट्रेनों में आगजनी की घटनाएं करने में आंदोलनकारी सफल रहे। इस वजह से नीतीश कुमार पर भी उंगलियां उठ रही हैं। सोशल मीडिया पर इस चर्चा ने जोर पकड़ रखा है कि उपद्रवी तत्वों की नकेल को जानबूझकर नीतीश सरकार नहीं कस रही। ताकि बीजेपी को वो सबक सिखा सके।