नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में बल्लीमारान विधानसभा सीट पर क्या फिर हारुन युसुफ बाजी मारेंगे, 5 बार इस निर्वाचन क्षेत्र से हारुन युसुफ जीत दर्ज कर चुके हैं। 2015 में नतीजे बदलने के बाद 2020 के चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में चुनावी माहौल किस ओर इशारा कर रहा है। ये सवाल इसलिए जरूरी हो जाता है क्योंकि दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी जिस दमखम से उतरी थी उसके बाद ग्राउंड रिपोर्ट में सरकार के काम का असर उतना दिख नहीं रहा है।
जनता का कहना है पिछले 4.5 साल अरविंद केजरीवाल ने ये कहकर निकाल दिए कि केंद्र कुछ करने नहीं दे रहा वहीं अब अचानक सारे काम का दावा हो रहा है, जनता की यही बातें कांग्रेस को बल दे रही हैं और कांग्रेस भी शीला सरकार के शासन में होने वाले विकास कार्यों का जिक्र करके जनता को ये याद दिला रही है कि उसे कौन सी वाली दिल्ली चाहिए। हारुन जनता के बीच केजरीवाल के उन वादों का जिक्र भी कर रहे हैं जो उन्होंने जनता से किए और उन्हें पूरा करने में वह कितना असफल रहे यह भी बता रहे हैं।
हारुन युसुफ का कहना है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल वास्तव में आरएसएस की विचारधारा के समर्थक हैं और लोग अब इस बारे में जानते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के दौरान घायल हुए छात्रों को देखने की भी जहमत केजरीवाल ने नहीं उठाई। अगर कोई दुश्मन भी घायल हो जाता है तो भी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वह उसे देखने जाए।
वहीं सीएए को लेकर उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस दिल्ली में सत्ता में आई, तो वह संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव लाएगी जैसे कांग्रेस शासित अन्य राज्यों में लाया गया है। यूसुफ ने कहा कि कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन केवल मुसलमानों की रक्षा भर के लिए नहीं हैं, बल्कि हर उस गरीब देशवासी के लिए है जिसे इनसे परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
बल्लीमारान विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार यूसुफ का आप उम्मीदवार एवं विधायक इमरान हुसैन और बीजेपी की लता सोढ़ी से मुकाबला है। इस सीट से बीजेपी का खाता आजतक नहीं खुला है। दिल्ली को पूर्ण विधानसभा का दर्जा मिलने के बाद 1993 के बाद लगातर 20 साल तक 5 चुनावों में कांग्रेस के हारुन युसूफ बल्लीमारान सीट से जीतते रहे। हारुन युसूफ शीला दीक्षित की सरकार में मंत्री भी रहे हैं।