नई दिल्ली। दिल्ली में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन पर से रोक हटाने के लिए लेफ्टिनेंट गवर्नर यानी एलजी विनय कुमार सक्सेना मैदान में उतरे हैं। एलजी ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वो सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करे। अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक दिल्ली सरकार को एलजी वीके सक्सेना ने चिट्ठी में लिखा है कि सरकार ने हाल के महीनों में राजधानी में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए कई कदम उठाए हैं। अब हालात पहले से अलग हैं। एलजी ने दिल्ली सरकार से कहा है कि इस वजह से सुप्रीम कोर्ट में जाकर बताना चाहिए कि बदले हालात में पुराने आदेश की समीक्षा की जरूरत है।
इसके साथ ही एलजी ने दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता से ये आग्रह भी किया है कि वो वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के अध्यक्ष से ये अनुरोध भी करें कि जब तक एनसीआर में सभी जगह पुराने वाहनों को चलाने की समयसीमा के बारे में ठोस तैयारी नहीं होती, पुराने वाहनों को ईंधन देने से रोकने की योजना को टाल दिया जाए। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में आदेश दिया था कि दिल्ली और एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल से चलने वाले वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाए। दिल्ली में 62 लाख वाहन इस आदेश के दायरे में आ रहे हैं। जुलाई की पहली तारीख से ऐसे वाहनों को दिल्ली में ईंधन मिलना बंद हो गया था। साथ ही 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को जब्त भी किया जा रहा था।
पुराने वाहनों को पेट्रोल और डीजल न देने और इनको जब्त किए जाने की कार्यवाही पर लोगों के साथ ही पर्यावरण विशेषज्ञ भी सवाल उठा रहे हैं। सवाल उठाने वालों का कहना है कि अगर वाहन प्रदूषण फैला रहा है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई ठीक है, लेकिन अगर कोई पुराना वाहन प्रदूषण के नियमों का पालन कर रहा है, तो उसे भी समयसीमा बताकर स्क्रैप करना ठीक नहीं है। काफी हो-हल्ला मचने के बाद दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा था कि अब पुराने वाहनों के लिए नई प्रणाली विकसित की जा रही है। अब दिल्ली सरकार की ओर से पुनर्विचार याचिका अगर दाखिल की जाती है और सुप्रीम कोर्ट अपना आदेश बदलता है, तो इससे दिल्ली के लोगों को बहुत सुविधा हो जाएगी।