नई दिल्ली। कोरोना काल में भारतीय रेलवे ने यात्रियों को कोविड-19 वायरस संक्रमण से बचाने के लिए कई उपाय किए हैं। भारतीय रेलवे की कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्ट्री ने एक ऐसा कोच विकसित किया है, जो यात्रियों को कोरोना के खतरे से बचाएगा।
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता डी.जे. नरेन के मुताबिक, “इस कोच में चार खूबियां हैं। इसमें ऐसी सुविधाएं दी गई हैं, जिनको हाथ से छुए बिना ही इस्तेमाल किया जा सकता है। पानी के नल और सोप डिस्पेंसर को पैर से ऑपरेट किया जा सकता है। साथ ही लैवेटरी का दरवाजा, फ्लश वाल्व, लैवेटरी के दरवाजे की चिटकनी, वॉशबेसिन पर लगा नल और सोप डिस्पेंसर को पैर से ऑपरेट किया जा सकता है।
इसमें कॉपर कोटेड हैंडरेल और चिटकनियां हैं। इसकी वजह यह है कि कॉपर कुछ ही घंटे में वायरस को नष्ट कर देता है। कॉपर में एंटी माइक्रोबियल खूबी होती है। यह वायरस के भीतर डीएनए और आरएनए को नष्ट कर देता है।”
Future Ready Railway: Designed to fight Coronavirus, Railways creates 1st ‘Post COVID Coach’ with:
▪️Handsfree amenities
▪️Copper-coated handrails & latches
▪️Plasma air purification
▪️Titanium di-oxide coatingFor COVID-Free passenger journey!
Details: https://t.co/VAVDu6lDST pic.twitter.com/yWakrxt4s2
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 14, 2020
उन्होंने बताया कि एसी डस्ट में प्लाज्मा प्यूरीफायर का इस्तेमाल किया गया है। इससे कोच के अंदर की हवा को शुद्ध और विषाणु रहित किया जा सकेगा।
प्रवक्ता ने बताया कि कोच को टाइटेनियम डाई ऑक्साइड की कोटिंग की जाएगी। यह फोटो एक्टिव मैटेरिल के रूप में काम करेगी और कोच के अंदर की आद्रता, वायरस, वैक्टीरिया आदि को मारने में सहायक होगी। इसका इस्तेमाल वाश बेशिन, सीट, गद्दे, टेबल, खिड़की शीशे पर जमे वैक्टीरिया को खत्म करने में सहायक होगा। इस प्रकार की कोटिंग 12 महीने तक प्रभावी रह सकती है।