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Covid-19 से जंग जीतकर क्या आप हो जातें हैं पूरी तरह सुरक्षित?, क्योंकि कईयों में दिख रहे लॉन्ग कोविड के लक्षण

Corona Virus

नई दिल्ली। कोरोना वायरस की चपेट में आए लोगों को अब एक और खतरा सता रहा है और वो है लॉन्ग कोविड का। बता दें कि लॉन्ग कोविड की  कोई मेडिकल परिभाषा नहीं है और ना ही इसके कोई एक तरह के लक्षण ही होते हैं। लक्षण बदलते रहने से इसे पहचानना और मुश्किल हो जाता है। इसीलिए इसे और खतरनाक कहा जा रहा है। दरअसल कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद भी कुछ लोगों में कोरोना वायरस के कुछ लक्षण रह जाते हैं, उसे ही लॉन्ग कोविड कहते हैं। लॉन्ग कोविड से जूझ रहे लोगों में कई अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं लेकिन इसका एक आम लक्षण थकान है। इसके बाकी लक्षणों के बारे में कहा जा रहा है कि, जो भी लोग कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद लॉन्ग कोविड से जूझ रहे हैं, उनमें थकान की शिकायत सामान्य होगी। इसके अलावा सांस लेने में परेशानी, खांसी, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, देखने तथा सुनने की समस्याएं, सिर दर्द, गंध और स्वाद का न आना भी लॉन्ग कोविड के लक्षण हैं।

समस्याएं

वहीं, लॉन्ग कोविड से दिल, फेफड़ों और किडनी को भी नुकसान होने की संभावना रहती है। ऐसे लोगों को डिप्रेशन और एंग्जाइटी भी हो जाती है। इसको लेकर हुई स्टडी के अनुसार, उनमें से 87% लोगों को दो महीने बाद भी कम से कम एक लक्षण तो रहा है। कुल लोगों में से आधे लोगों को थकान जैसी समस्या हुई है। हालांकि, इस स्टडी के बारे में यह बात भी ध्यान में रखनी होगी कि यह स्टडी अस्पताल में भर्ती किए गए लोगों को पर ही केंद्रित है।

लॉन्ग कोविड

लॉन्ग कोविड को लेकर कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि हो सकता है कि शरीर के ज्यादातर हिस्सों से वायरस बाहर निकल गया हो, लेकिन कुछ छोटी जगहों पर वो रह गया हो। किग्स क़ॉलेज लंदन के प्रोफ़ेसर टिम स्पेक्टर के अनुसार, “लंबे समय तक दस्त हो तो हो सकता है कि आपको आंते में वायरस मिल जाए, सूंघने की शक्ति चली जाए, तो हो सकता है कि वायरस नसों में हैं।”

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