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Maharashtra: अभी लंबी चलेगी’धनुष-बाण’ की जंग!, EC ने उद्धव ठाकरे गुट को दी इतने दिनों की राहत

Maharashtra: एक ओर जहां ठाकरे पर राज्य से सत्ता जाने का गम पहले से ही था कि दूसरा संकट अब पार्टी (शिवसेना) को लेकर बना हुआ है। इस मामले को लेकर दोनों (एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे) ही कोर्ट का रुख कर चुके हैं। अब ताजा रिपोर्ट की मानें तो महाराष्ट्र में 'धनुष बाण' यानी शिवसेना के चुनाव चिह्न को लेकर जंग अभी थोड़ी लंबी चलने के आसार हैं।

eknath shinde and uddhav thakrey

नई दिल्ली। इसी साल जून के महीने में एकनाथ शिंदे समेत 39 अन्य विधायकों ने मिलकर बगावती रुख अख्तियार कर लिया था। इस बगावत का असर ये हुआ कि उद्धव ठाकरे की सरकार सत्ता से जा गिरी थी। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार (शिवसेना,राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस) के गिरने के बाद शिंदे कैंप ने भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाई। वर्तमान में शिंदे प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हुए हैं तो वहीं, भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बने हैं। एक ओर जहां ठाकरे पर राज्य से सत्ता जाने का गम पहले से ही था कि दूसरा संकट अब पार्टी (शिवसेना) को लेकर बना हुआ है। इस मामले को लेकर दोनों (एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे) ही कोर्ट का रुख कर चुके हैं। अब ताजा रिपोर्ट की मानें तो महाराष्ट्र में ‘धनुष बाण’ यानी शिवसेना के चुनाव चिह्न को लेकर जंग अभी थोड़ी लंबी चलने के आसार हैं।

भारत निर्वाचन आयोग से ठाकरे को राहत!

अभी जो ताजा खबरें सामने आ रही है उसके मुताबिक, भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से उद्धव ठाकरे गुट को राहत दी गई है। आयोग ने ठाकरे गुट को दस्तावेज जमा करने के लिए 15 दिनों का समय और दिया गया है। इससे पहले खबरें ये भी सामने आई थी कि ठाकरे खेमे की तरफ से मामले में सुनवाई को 4 सप्ताह के लिए स्थगित करने की मांग की गई थी। वहीं, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कैंप की तरफ से इसके लिए चुनाव आयोग में दस्तावेज जमा करा दिए गए हैं।

एक समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि चुनाव आयोग की तरफ से ठाकरे गुट को दस्तावेज जमा करने के लिए 15 और दिनों का समय दिया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मानें तो आयोग ने ठाकरे कैंप को 23 अगस्त तक का समय दिया है। बीते महीने आयोग की तरफ से शिवसेना के दोनों गुटों से 8 अगस्त तक अपने-अपने दावों और दस्तावेजों को सामने पेश करने के लिए कहा था।

बताया ये भी जा रहा है कि सुनवाई 4 हफ्तों के लिए टालने की मां पर आयोग ने ये कहा है कि फिलहाल केवर संबंधित डॉक्यूमेंट्स मांगे गए हैं, मामले पर सुनवाई बाद में की जाएगी। दोनों गुटों से आयोग ने शिवसेना की विधायिका और संगठन स्तर की विंग्स से समर्थन पत्र मांगे थे। इसके अलावा मामले पर लिखित में बयान देने के लिए भी कहा गया था।

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