नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव होना है। मैदान में मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर समेत 3 उम्मीदवार अभी दिख रहे हैं। कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने भी पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने का एलान किया था, लेकिन बाद में मैदान में उतरने से इनकार कर दिया। अब दिग्विजय ने एक ट्वीट कर खुद को सबसे बड़ा ‘दानी’ करार दिया है। अपनी इस बात को कहने के लिए दिग्विजय सिंह ने रहीम के एक दोहे का सहारा लिया। अपने ट्वीट में दिग्विजय ने रहीम के दोहे को लिखा, ‘चाह गई चिंता मिटी, मिटी मनुआ बे परवाह, जाके कछु नहीं चाहिए वे शाहन के शाह।’ यानी हर चीज की चाह छोड़ दी, तो चिंता भी मिट गई। बेपरवाह इंसान भी इसके साथ खत्म हुआ। जिसको कुछ भी नहीं चाहिए, वो शाहों यानी बादशाहों के भी बादशाह।
चाह गई चिंता मिटी
मनुआ बे परवाह
जाके कछु नहीं चाहिए
वे शाहन के शाह।
-रहीम— digvijaya singh (@digvijaya_28) October 1, 2022
अब दिग्विजय ने रहीम का ये दोहा खुद के राजा होने का अहसास दिलाने के लिए लिखा या उनका दुख इसमें झलका, ये तो नहीं पता, लेकिन दिग्विजय से पहले भी कांग्रेस के तमाम नेता अपना दुख ट्विटर के जरिए बयां कर चुके हैं। जब पिछले दिनों राज्यसभा का चुनाव हुआ था, तो कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा, नगमा और आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट में लिखा था कि ‘उनकी तपस्या’ काम न आई। इसे लेकर तब सोशल मीडिया में इन तीनों नेताओं को ट्रोलिंग का सामना भी करना पड़ा था।
अब दिग्विजय सिंह को भी रहीम का दोहा लिखने पर सोशल मीडिया यूजर्स की टिप्पणी का सामना करना पड़ रहा है। तमाम लोगों ने उनके ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। ज्यादातर प्रतिक्रिया में कांग्रेस और दिग्विजय सिंह को निशाना बनाया गया है। लोगों ने किस तरह दिग्विजय और कांग्रेस के लिए लिखा है, ये आप नीचे पढ़ सकते हैं…
कवी कहना चाहता है.
इच्छा तो थी पर आलाकमान ने इच्छा की पुंगी बजा दी.
और झक मार के कहना पड़ रहा है
जिसकी कोई इच्छा नहीं होती वो दिग्विजय सिंह होता है.— BullDozer BABA (@monk_excavadora) October 1, 2022
जब कांग्रेस खुद नहीं चाहती सत्ता में आए तो काहे को चप्पल घसीट रहे हो आप काहे को इतनी मेहनत कर रहे हो
— Mahboob Khan (@Mahboob91022501) October 1, 2022
कवि का आशय है , मन तो बहुत था अध्यक्ष बनने का , लेकिन कही न कही चाटुकारिता में कमी रह गई । ????
— देवेंद्र सिंह कड़ाकोटी ?? (@singhsahab10511) October 1, 2022
उनको 100% वाला चमचा चाहिए था, आप शायद 99.99 वाले थे..☺️
— समदर्शी शुक्ला (@samdarshi1) October 1, 2022
कभी तुलसी दास जी का भी दोहा लिख दीया करो।
— Abhay Rc Jaiswal (@Arcjaiswal1) October 1, 2022