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Digvijay Singh: ‘जाके कछु नहीं चाहिए…’, कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ से हटे दिग्विजय ने किया ट्वीट तो यूजर्स ने ऐसे ली चुटकी

दिग्विजय से पहले भी कांग्रेस के तमाम नेता अपना दुख ट्विटर के जरिए बयां कर चुके हैं। जब पिछले दिनों राज्यसभा का चुनाव हुआ था, तो कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा, नगमा और आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट में लिखा था कि ‘उनकी तपस्या’ काम न आई। इसे लेकर तब सोशल मीडिया में इन तीनों नेताओं को ट्रोलिंग का सामना भी करना पड़ा था।

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव होना है। मैदान में मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर समेत 3 उम्मीदवार अभी दिख रहे हैं। कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने भी पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने का एलान किया था, लेकिन बाद में मैदान में उतरने से इनकार कर दिया। अब दिग्विजय ने एक ट्वीट कर खुद को सबसे बड़ा ‘दानी’ करार दिया है। अपनी इस बात को कहने के लिए दिग्विजय सिंह ने रहीम के एक दोहे का सहारा लिया। अपने ट्वीट में दिग्विजय ने रहीम के दोहे को लिखा, ‘चाह गई चिंता मिटी, मिटी मनुआ बे परवाह, जाके कछु नहीं चाहिए वे शाहन के शाह।’ यानी हर चीज की चाह छोड़ दी, तो चिंता भी मिट गई। बेपरवाह इंसान भी इसके साथ खत्म हुआ। जिसको कुछ भी नहीं चाहिए, वो शाहों यानी बादशाहों के भी बादशाह।

अब दिग्विजय ने रहीम का ये दोहा खुद के राजा होने का अहसास दिलाने के लिए लिखा या उनका दुख इसमें झलका, ये तो नहीं पता, लेकिन दिग्विजय से पहले भी कांग्रेस के तमाम नेता अपना दुख ट्विटर के जरिए बयां कर चुके हैं। जब पिछले दिनों राज्यसभा का चुनाव हुआ था, तो कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा, नगमा और आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट में लिखा था कि ‘उनकी तपस्या’ काम न आई। इसे लेकर तब सोशल मीडिया में इन तीनों नेताओं को ट्रोलिंग का सामना भी करना पड़ा था।

digvijay-singh

अब दिग्विजय सिंह को भी रहीम का दोहा लिखने पर सोशल मीडिया यूजर्स की टिप्पणी का सामना करना पड़ रहा है। तमाम लोगों ने उनके ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। ज्यादातर प्रतिक्रिया में कांग्रेस और दिग्विजय सिंह को निशाना बनाया गया है। लोगों ने किस तरह दिग्विजय और कांग्रेस के लिए लिखा है, ये आप नीचे पढ़ सकते हैं…