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Congress: पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले ही कांग्रेस के अंदर कलह शुरू, ISF से गठबंधन को लेकर आनंद शर्मा नाराज

Congress Discord: आपको बता दें कि इससे पहले भी आनंद शर्मा(Anand Sharma) ने कांग्रेस के अंदर चल रही चीजों को लेकर पार्टी के नेताओं के फैसलों पर सवाल खड़ा किया था।

नई दिल्ली। कांग्रेस में लगातार बढ़ती अंदरूनी कलह अब धीरे-धीरे सार्वजनिक होती जा रही है। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होना है। इसके लिए तारीखों का ऐलान हो गया है। सभी पार्टियों ने इसको लेकर कमर कस ली है। कांग्रेस वहां वामदलों और कई अन्य दलों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने जा रही है। इसके बाद पार्टी के कई वरिष्ठ नेता नाराज हैं। कांग्रेस पार्टी के अंदर अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर पहले से ही बवाल जारी है। अब ऐसे में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का वाम दल और साथ में ISF (इंडियन सेक्युलर फ्रंट) के साथ गठबंधन कांग्रेस के कई नेताओं को भा नहीं रहा है।

WB में होनेवाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी और इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के बीच गठबंधन की घोषणा के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पार्टी के इस फैसले पर आपत्ति जताई है। शर्मा की मानें तो कांग्रेस और इंडियन सेक्युलर फ्रंट का गठबंधन बेमेल है और यह कांग्रेस पार्टी की मूल विचारधारा के खिलाफ है। इसको लेकर आनंद शर्मा ने पार्टी से मांग की है कि इंडियन सेक्युलर फ्रंट से जो गठबंधन पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर हुई है इसकी चर्चा कांग्रेस कार्य समिति में होनी चाहिए।

आपको बता दें कि इससे पहले भी आनंद शर्मा ने कांग्रेस के अंदर चल रही चीजों को लेकर पार्टी के नेताओं के फैसलों पर सवाल खड़ा किया था। उन्होंने 23 वरिष्ठ नेताओं के साथ पिछले साल कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को लेकर कई सवाल दागे थे। आनंद शर्मा ने ट्वीट कर अपने गुस्से का इजहार करते हुए लिखा कि, “सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस चयनात्मक नहीं हो सकती है। हमें हर सांप्रदायिकता के हर रूप से लड़ना है। पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की उपस्थिति और समर्थन शर्मनाक है, उन्हें अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए।”

इसके बाद उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा कि, “आईएसएफ और ऐसे अन्य दलों से साथ कांग्रेस का गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा, गांधीवाद और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है, जो कांग्रेस पार्टी की आत्मा है। इन मुद्दों को कांग्रेस कार्य समिति पर चर्चा होनी चाहिए थी।” आनंद शर्मा के इन आरोपों का जवाब अधीर रंजन चौधरी ने दिया और उन्होंने इस फैसले के पीछे कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की रजामंदी बताया।

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