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Greta Thunberg और दिशा रवि के बीच व्हाट्सएप चैट का खुलासा, सामने आई बड़ी जानकारी

Greta Thunberg Disha Ravi

नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी ‘टूलकिट’ साझा करने में संलिप्तता के आरोप में क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट दिशा रवि को बेंगलुरू से दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद अब एक बड़ा खुलासा हुआ है। बता दें कि कुछ मीडिया संस्थानों की तरफ से दावा किया जा रहा है कि किसानों के विरोध प्रदर्शन में टूलकिट जारी करने से पहले ग्रेटा थनबर्ग और दिशा रवि के बीच व्हाट्सएप पर बातचीत हुई थी। इस बातचीत में दिशा रवि ने ग्रेटा को सुझाव दिया था कि उन्हें कुछ समय के लिए किसान आंदोलन के बारे में कुछ नहीं कहना चाहिए। गौरतलब है कि व्हाट्सएप को लेकर जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक दिशा रवि ने स्वीडिश जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग से कुछ समय के लिए कुछ भी बोलने के लिए मना किया था। भारत में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत दिशा रवि ने उनके खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी।

बता दें कि मैसेज में ग्रेटा ने कहा था कि बहुत जल्द ही वह अपने वकीलों से बात करेंगी, क्योंकि उनका नाम ‘टूलकिट’ में शामिल हैं। उनके खिलाफ UAPA के खिलाफ केस हो सकता है। उन्होंने मैसेज में लिखा था कि, क्या हम थोड़ी देर के लिए इसपर बात ना करें? मैं वकीलों से बात करने वाली हूं। मुझे खेद है लेकिन हमारे नाम इसमें हैं।

दिशा रवि पर क्या आरोप हैं?

पुलिस के मुताबिक दिशा रवि पर पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के बनाए टूलकिट को एडिट करके उसे सोशल मीडिया पर शेयर करने का आरोप है। इस टूलकिट का मकसद भारत सरकार के प्रति वैमनस्य और गलत भावना फैलाना है। वहीं इस टूलकिट को लेकर आरोप है कि इसकी मंशा विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों के बीच टकराव की स्थिति पैदा करना है। दिशा रवि को लेकर आरोप है कि उन्होंने भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने के लिए अन्य लोगों के साथ मिलकर खालिस्तान समर्थक समूह पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के साथ सांठगांठ की।

कौन हैं दिशा रवि

बेंगलुरु के एक निजी कॉलेज से बीबीए की डिग्री धारक हैं दिशा रवि और वह ‘फ्राइडेज़ फॉर फ्यूचर इंडिया’ नामक संगठन की संस्थापक सदस्य भी हैं। दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ के दल ने दिशा रवि (22) को शनिवार को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आरोप लगाया कि भारत के खिलाफ वैमनस्य फैलाने के लिए रवि और अन्य ने खालिस्तान-समर्थक समूह ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ के साथ साठगांठ की।

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