नई दिल्ली। कोरोना महासंकट के बीच भारत को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के 34 सदस्यीय एग्जीक्यूटिव बोर्ड के चेयरमैन का पदभार संभाल लिया है। उन्होंने दिल्ली स्थिति WHO के कार्यालय में सारी औपचारिकताएं पूरी कीं। हर्षवर्धन ने जापान के डॉक्टर हिरोकी नाकातानी की जगह ली है।
पदभार संभालने के बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि मुझे पता है कि वैश्विक संकट के समय में मैं इस कार्यालय में प्रवेश कर रहा हूं। अगले 2 दशकों में कई स्वास्थ्य चुनौतियां होंगी। इन चुनौतियों से हम सब मिलकर लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि भारत मौजूदा वक्त में कोरोना से दृढ़ संकल्प के साथ लड़ रहा है। जिस वजह से आज भारत में कोरोना की मृत्युदर सिर्फ 3 प्रतिशत ही है। वहीं 135 करोड़ की आबादी वाले भारत में सिर्फ एक लाख मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही भारत में रिकवरी रेट 40 प्रतिशत से ज्यादा है।
Delhi: Union Health Minister Dr Harsh Vardhan takes charge as the chairman of the World Health Organisation (WHO) Executive Board pic.twitter.com/fz3ervSEYZ
— ANI (@ANI) May 22, 2020
डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर डॉ. हर्षवर्धन ने ऐसे समय में पदभार संभाला है, जबकि पूरी दुनिया कोरोना संक्रमण से जूझ रही है। बीते मंगलवार को 194 देशों की विश्व स्वास्थ्य सभा द्वारा भारत को कार्यकारी बोर्ड में नियुक्त करने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए। डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया समूह ने पिछले साल सर्वसम्मति से निर्णय लिया था कि भारत को तीन साल के कार्यकाल के लिए कार्यकारी बोर्ड के लिए चुना जाएगा।
गौरतलब है कि मौजूदा वक्त में विश्व स्वास्थ्य संगठन में भारत को महत्वपूर्ण पद मिलना कई मायनों में बेहतर है। कोरोना काल में भारत ने न सिर्फ अपने देश में काफी हद तक कोरोना को रोकने का प्रयास किया है बल्कि पूरे विश्व को मदद भी की है।