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DRI 63वां स्थापना दिवस: कोरोना महामारी में DRI के प्रदर्शन पर वित्त मंत्री सीतामरण ने की अधिकारियों की सराहना

DRI Sitaraman

नई दिल्ली। 4 दिसंबर, 2020 को नई दिल्ली में डायरेक्टोरेट ऑफ़ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI), केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के अतंर्गत काम करने वाली शीर्ष एंटी-स्मगलिंग खुफिया और जांच एजेंसी ने अपना 63 वां स्थापना दिवस मनाया। यह समारोह केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण की उपस्थिति में वित्त मंत्रालय के नॉर्थ ब्लॉक में आयोजित उद्घाटन समारोह के साथ शुरू हुआ। इस मौके पर DRI महानिदेशक के साथ सचिव (वित्त) और अध्यक्ष, सीबीआईसी भी उपस्थित रहे। बता दें कि COVID-19 महामारी के मद्देनजर, इस साल यह आयोजन DRI, CBIC और भारत सरकार के अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में वर्जुअल तरीके से लाइव स्ट्रीम किया गया।

इस मौके पर केंद्रीय वित्त मंत्री ने “भारत में तस्करी की रिपोर्ट 2019-20” का अनावरण किया। जोकि सोने और विदेशी मुद्रा, नारकोटिक ड्रग्स, सुरक्षा, पर्यावरण, वाणिज्यिक धोखाधड़ी जैसे विषयों पर संगठित तस्करी के रुझानों का विश्लेषण पर आधारित है। Pr. DGRI, बालेश कुमार ने इस कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों का स्वागत किया और पिछले वित्तीय वर्ष में DRI के प्रदर्शन पर एक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। बता दें कि इस कार्यक्रम में डीआरआई कोचीन जोनल यूनिट के नाजिमुधीन टी एस और डीआरआई, जयपुर द्वारा बुक किए गए एक मामले में एक स्वतंत्र गवाह एस सुमेर सेन को बहादुरी पुरस्कार प्रदान किया गया।

बता दें कि भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क) के 1961 बैच के अधिकारी बी शंकरन को उनके विशिष्ट और प्रतिबद्ध सेवा के कई सालों के लिए DRI Utkrisht Seva Samman, 2020 से सम्मानित किया गया। समारोह के दौरान, उपस्थित अधिकारियों के समक्ष इन कार्यक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई। वित्त मंत्री ने विशेष रूप से कोरोना महामारी के समय में DRI और उसके अधिकारियों को उनके प्रदर्शन और सराहनीय सेवा के लिए उन्हें बधाई दी।

उन्होंने अपने कामकाज में निष्ठा भाव दिखाने DRI के अधिकारियों की सराहना के साथ-साथ उनसे आग्रह किया कि वे राष्ट्र के आर्थिक सीमाओं के रक्षक के रूप में प्रयास करते रहें। उन्होंने देश की आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा में DRI द्वारा किए गए प्रयासों की भी सराहना की। इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने डीआरआई के अधिकारियों को कड़ी मेहनत जारी रखने और राष्ट्र के प्रति अपनी सेवा को समर्पित करने के लिए प्रोत्साहित किया।

आपको बता दें कि कार्यक्रम में विश्व सीमा शुल्क संगठन के महासचिव डॉ. कुनिओ मिकुरिया ने भाग लेते हुए “सीमा शुल्क प्रतिक्रिया से सीओवीआईडी ​​-19 महामारी” पर सभा को संबोधित किया। वहीं इस अवसर पर, वित्त सचिव डॉ. अजय भूषण पांडे ने कहा कि DRI ने वाणिज्यिक धोखाधड़ी और सीमा पार तस्करी के कुछ महत्वपूर्ण मामलों को प्रकाश में लाने के लिए सक्रिय रूप से भारत की आर्थिक और भौतिक अर्थव्यवस्था में योगदान दिया है। उन्होंने कानूनों के प्रभावी प्रवर्तन के लिए एजेंसियों के बीच डेटा विश्लेषण, खुफिया / सूचना / डेटा साझा करने पर जोर दिया। डॉ. पांडे ने कहा कि DRI ने अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच श्रेष्ठता का स्थान हासिल कर लिया है। गौरतलब है कि उद्घाटन सत्र के बाद DRI द्वारा संचालित एक अंतर्राष्ट्रीय पैनल चर्चा हुई। पैनलिस्टों में ऑस्ट्रेलियाई सीमा बल, नीदरलैंड्स के सीमा शुल्क प्रशासन, HMRC (यूके) और INTERPOL के प्रतिनिधि शामिल थे। इस पैनल चर्चा में 200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया ।

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