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Economic Survey: आज संसद में पेश होगा आर्थिक सर्वेक्षण, जानिए आखिर क्यों महत्वपूर्ण होता है ये दस्तावेज

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नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। संसद के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज अभिभाषण देंगी। इसमें वो मोदी सरकार के इस कार्यकाल के अंतिम साल की उपलब्धियों को गिनाएंगी। 1 फरवरी यानी कल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। इससे पहले आज आर्थिक सर्वेक्षण संसद में पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री सीतारमण ही आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट भी पेश करेंगी। इसमें सरकार के बीते साल का हिसाब-किताब और आने वाले साल की वित्तीय चुनौतियों और उनसे निपटने के तौर-तरीकों की जानकारी दी जाएगी। देश की आर्थिक स्थिति के बारे में आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट अहम दस्तावेज होता है।

वित्त मंत्रालय के इकोनॉमिक अफेयर्स विभाग ने सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन के बताए आंकड़ों और दिशानिर्देश के तहत आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट तैयार की है। संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किए जाने के बाद नागेश्वरन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसके बारे में और जानकारी मीडिया को देंगे। वो बताएंगे कि मोदी सरकार की पिछले साल वित्तीय नीतियां क्या रही हैं। साथ ही अर्थव्यवस्था पर तमाम दबावों और इसके प्रबंधन के बारे में भी सीईए जानकारी देंगे। आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट बताएगी कि देश की अर्थव्यवस्था का हाल क्या है और ये कितनी तेजी से आगे बढ़ रही है। अर्थव्यवस्था पर सरकार को इसमें सुझाव भी दिए जाते हैं। एक तरह से आर्थिक सर्वेक्षण भारत की अर्थव्यवस्था को दिशा देता है। आमतौर पर अगला बजट भी इसी आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर तैयार किया जाता है।

आर्थिक सर्वेक्षण को संसद में पेश करने की शुरुआत साल 1950 से हुई थी। पहले इसे बजट के साथ ही संसद में पेश किया जाता था, लेकिन साल 1965 से आर्थिक सर्वेक्षण को बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है। राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद वित्त मंत्री इसे संसद के पटल पर रखते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5वीं बार संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। वो कल अपना 5वां बजट भी देश के सामने रखने वाली हैं।

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