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Satyendra Jain: केजरीवाल अपने जिस मंत्री सत्येंद्र जैन को बताते हैं कट्टर ईमानदार, ईडी ने खोल दी उनकी मनी लॉन्ड्रिंग की पोल!

ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में सत्येंद्र जैन के खिलाफ कोर्ट में जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें बताया गया है कि किस तरह जैन ने 1 करोड़ रुपए की रकम इधर से उधर की। प्रेसीडियम स्कूल को लाला शेर सिंह जीवन विज्ञान ट्रस्ट चलाता है। सत्येंद्र जैन इस स्कूल के ट्रस्ट के अध्यक्ष थे।

arvind kejriwal and satyendra jain

नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अपने जेल में कैद मंत्री सत्येंद्र जैन को कट्टर ईमानदार बताते नहीं थकते, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सत्येंद्र जैन की इसी ‘ईमानदारी’ की पोल अपनी चार्जशीट में खोल दी है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में सत्येंद्र जैन के खिलाफ कोर्ट में जो चार्जशीट दाखिल की है, उसमें बताया गया है कि किस तरह जैन ने 1 करोड़ रुपए की रकम इधर से उधर की। अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक 1 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग के लिए सत्येंद्र जैन ने निजी प्रेसीडियम स्कूल का सहारा लिया था। ये मामला काफी पुराना है। तब सत्येंद्र जैन राजनीति में नहीं आए थे।

प्रेसीडियम स्कूल को लाला शेर सिंह जीवन विज्ञान ट्रस्ट चलाता है। सत्येंद्र जैन इस स्कूल के ट्रस्ट के अध्यक्ष थे। बाद में उनका करीबी वैभव जैन ट्रस्ट का अध्यक्ष बना था। ईडी के मुताबिक सत्येंद्र जैन ने कथित तौर पर 1 करोड़ रुपए की रकम कैश से प्रेसीडियम स्कूल के खाते में जमा कराई। इसके बदले स्कूल ने सत्येंद्र जैन के सहयोगियों के नाम चेक जारी किए। इन लोगों ने रकम को मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को दिया। ये कंपनी सत्येंद्र जैन की बताई जाती है। फिर मंगलायतन को मिली रकम से दिल्ली में जमीन खरीदने का आरोप ईडी ने लगाया है।

ईडी के मुताबिक जब सत्येंद्र जैन से इस बारे में पूछताछ हुई, तो उन्होंने कहा कि कोरोना से पीड़ित होने के कारण उनकी याददाश्त चली गई है। जैन ने कहा कि ऐसे में पुरानी बातें उनको याद नहीं आ रही हैं। जैन ने ट्रस्ट से कोई रिश्ता होने तक से इनकार कर दिया। जब ईडी ने ट्रस्ट का अध्यक्ष होने के कागज दिखाए, तो सत्येंद्र जैन ने इस पद को संभालने से ही इनकार कर दिया। ईडी की चार्जशीट के मुताबिक प्रेसीडियम स्कूल के खाते में 40 लाख, 20 लाख और 25 लाख रुपए जमा किए गए थे। स्कूल ने 52 लाख रुपए तुरंत वैभव जैन और 25 लाख उसकी मां सुशीला जैन को चेक से दिए। 23 लाख का एक और चेक वैभव जैन को दिया गया।

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