नई दिल्ली। दिल्ली के शराब घोटाला मामले में ईडी ने कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में दावा किया है कि सीएम अरविंद केजरीवाल, उनके डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के पूर्व मीडिया प्रभारी विजय नायर ने 100 करोड़ की घूस के अलावा और रकम मांगी थी। इस अतिरिक्त रकम की मांग पंजाब और गोवा विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल के लिए की गई। ईडी ने आरोपी से सरकारी गवाह बने पी. शरत रेड्डी के बयान के आधार पर चार्जशीट में ये दावा किया है। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने शराब घोटाला मामले में अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर लगाए आरोपों का संज्ञान मंगलवार को लिया है।
ईडी ने चार्जशीट में ये भी कहा है कि अरविंद केजरीवाल के करीबी और आरोपी विनोद चौहान ने 25.5 करोड़ की रकम दिल्ली से गोवा भेजी और सीएम के जरिए दिल्ली जल बोर्ड में अफसरों की पोस्टिंग भी कराई। पी. शरत रेड्डी को ईडी ने नवंबर 2022 को गिरफ्तार किया था, लेकिन सरकारी गवाह बनने पर उनको माफी मिल गई। शरत रेड्डी का अरविंदो ग्रुप है। ये उस कथित साउथ कार्टेल का हिस्सा है, जिस पर शराब घोटाला में आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपए घूस देने का आरोप है। ईडी के मुताबिक साउथ कार्टेल में बीआरएस की नेता के. कविता के अलावा मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी और उनके बेटे राघव मगुंटा भी थे। शरत रेड्डी के बयान के आधार पर ईडी ने शराब घोटाला की चार्जशीट में कहा है कि नवंबर 2021 में लाइसेंस फीस देने में छूट, नई शराब दुकानें खोलने वगैरा पर चर्चा होनी थी। जब साउथ कार्टेल के प्रतिनिधि अभिषेक बोइनपल्ली और अरुण पिल्लई इस बारे में विजय नायर से बात करते, तो वो इस पर टालमटोल करता था।
ईडी के मुताबिक रिटेल की शराब दुकानों को कोरोना के तहत छूट मिली, लेकिन शरत रेड्डी की दुकानों को जरूरी छूट नहीं मिल सकी। इस पर शरत रेड्डी ने के. कविता, अभिषेक बोइनपल्ली और अरुण पिल्लई से बात की। इस पर उनको बताया कि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और विजय नायर 100 करोड़ से अतिरिक्त रकम चाहते हैं। ताकि गोवा और पंजाब के चुनाव में इस्तेमाल कर सकें, लेकिन शरत रेड्डी ने ये रकम देने से मना कर दिया। वहीं, अरविंद केजरीवाल ने ईडी को गिरफ्तारी के बाद बयान दिया कि वो शरत रेड्डी को नहीं जानते।