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ED Action In Delhi Classroom Scam: दिल्ली के क्लासरूम घोटाला में ईडी की एंट्री, जांच एजेंसी ने देश की राजधानी में 37 जगह मारे ताबड़तोड़ छापे

ED Action In Delhi Classroom Scam: मनीष सिसोदिया के पास दिल्ली का शिक्षा विभाग भी था। उन्होंने 193 सरकारी स्कूलों में 2400 क्लासरूम पीडब्ल्यूडी से बनवाए। केंद्रीय सतर्कता आयोग यानी सीवीसी ने साल 2020 में अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में क्लासरूम बनवाने में घोर अनियमितता हुई। सीवीसी ने शिकायत मिलने के बाद जांच की और पाया कि बिना टेंडर के ही 500 करोड़ की बढ़ोतरी दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने मंजूर की। और भी गड़बड़ियां मिलीं।

नई दिल्ली। दिल्ली के कथित क्लासरूम घोटाला में जांच एजेंसी ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय की भी एंट्री हो गई है। ईडी ने बुधवार को क्लासरूम घोटाला के सिलसिले में दिल्ली में 37 जगह ताबड़तोड़ छापे मारे। दिल्ली की पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान 2000 करोड़ का क्लासरूम घोटाला होने का आरोप है। इस मामले को बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान जमकर उठाया था। दिल्ली के कथित क्लासरूम घोटाला की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो यानी एसीबी ने शुरू की है। एसीबी की ओर से दर्ज शिकायत के आधार पर ही ईडी ने दिल्ली के क्लासरूम घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच का काम शुरू किया है।

एसीबी ने क्लासरूम घोटाला की एफआईआर में मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन का नाम लिखा है।

जानकारी के मुताबिक ईडी ने क्लासरूम घोटाला में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत ठेकेदारों और निजी संस्थाओं के ठिकानों पर छापे मारे। एसीबी ने 30 अप्रैल को इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। जिसमें अरविंद केजरीवाल की तत्कालीन दिल्ली सरकार में डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन का नाम है। एसीबी ने एफआईआर में आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में 12000 से ज्यादा क्लासरूम या अर्ध स्थायी संरचना बनाने में 2000 करोड़ की गड़बड़ी की गई। इस मामले में एसीबी ने मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को तलब किया था। सत्येंद्र जैन तो एसीबी के सामने पेश हो चुके हैं। मनीष सिसोदिया ने व्यस्त होने की जानकारी देकर बाद में एसीबी के सामने पेश होने की बात कही है।

केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने शिकायत मिलने पर क्लासरूम घोटाला की जांच की थी।

मनीष सिसोदिया के पास दिल्ली का शिक्षा विभाग भी था। उन्होंने 193 सरकारी स्कूलों में 2400 क्लासरूम पीडब्ल्यूडी से बनवाए। केंद्रीय सतर्कता आयोग यानी सीवीसी ने साल 2020 में अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में क्लासरूम बनवाने में घोर अनियमितता हुई। सीवीसी ने शिकायत मिलने के बाद जांच की और पाया कि बिना टेंडर के ही 500 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने मंजूर की। बेहतर सुविधाओं के नाम पर निर्माण की लागत 90 फीसदी तक बढ़ाई गई और घटिया काम हुआ। जांच में पता चला कि 193 स्कूलों में 160 टॉयलेट बनाने थे, लेकिन 37 करोड़ अतिरिक्त खर्च कर 1214 टॉयलेट बनाए गए। इन टॉयलेट को क्लासरूम बताने का भी आरोप है। इसके अलावा 141 स्कूलों में सिर्फ 4027 क्लासरूम बनाने का खुलासा भी जांच में हुआ। इसके अलावा तमाम और नियमों का उल्लंघन भी सीवीसी ने पाया।

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