News Room Post

National Herald Case: हेराल्ड केस में ED का बड़ा खुलासा, मोतीलाल के वित्तीय फैसला लेने के दस्तावेज नहीं

National Herald Case: दरअसल, इस पूरे प्रकरण में पेंच एक जगह फंसा हुआ है जिसको लेकर ईडी जांच में जुटी हुई है। आखिरकार जो पैसों का ट्रांसजेक्शन हुआ था। जिसमें 90 करोड़ का लोन कांग्रेस ने एजेएल को दिया था। 50 लाख रुपये कोलकाता की एक कंपनी से यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड को आया था। जिसके डायरेक्टर सोनिया गांधी और राहुल गांधी है। उसको लेकर जितने भी नेताओं ने बयान दिया था।

Sonia Gandhi and Rahul Gandhi

नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड केस (National Herald Case) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा खुलासा किया है। ईडी ने जांच के दौरान खुलासा किया है कि स्वर्गीय मोतीलाल वोरा ने जो भी वित्तीय फैसले लिए उसके दस्तावेज नहीं हैं। बताया जा रहा है कि जांच के दौरान पहुंचे कांग्रेस नेताओं पर ये खुलासा हुआ है। ईडी ने खुलासा किया है कि जिन लेनदेन पर फैसले लिए गए उसके दस्तावेज और सबूत नहीं हैं। बता दें कि मोतीलाल वोरा कांग्रेस पार्टी के सबसे लंबे वक्त तक कोषाध्यक्ष रहे थे। साल 2020 में उनका देहांत हो गया था। वहीं इससे पहले कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने नेशनल हेराल्ड ऑफिस में यंग इंडियन के दफ्तर को सीज कर दिया था। ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से कई घंटों की पूछताछ कर चुकी है।

दरअसल, इस पूरे प्रकरण में पेंच एक जगह फंसा हुआ है जिसको लेकर ईडी जांच में जुटी हुई है। आखिरकार जो पैसों का ट्रांसजेक्शन हुआ था। जिसमें 90 करोड़ का लोन कांग्रेस ने एजेएल को दिया था। 50 लाख रुपये कोलकाता की एक कंपनी से यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड को आया था। जिसके डायरेक्टर सोनिया गांधी और राहुल गांधी है। उसको लेकर जितने भी नेताओं ने बयान दिया था। जिसमें सोनिया और राहुल गांधी का भी बयान दर्ज किया था। उसमें एक ही बात कही गई थी कि इस लेनदेने के बारे में कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि पैसों का सारा हिसाब किताब रखने वाले मोतीलाल वोहरा थे वो उस वक्त पार्टी के कोषाध्यक्ष थे।

इससे पहले सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पवन बंसल, मल्लिकार्जुन खड़गे सभी के बयान दर्ज किए गए थे। किसी भी नेता ने कोई दस्तावेज ईडी के सामने पेश नहीं किया। जिससे की ये साबित हो पाए कि पैसों का लेनदेन मोतीलाल वोहरा ने किया गया था।

Exit mobile version