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Artificial Rain In Delhi: दिल्ली-एनसीआर में भयानक प्रदूषण खत्म करने के लिए अब कृत्रिम बारिश कराने की तैयारी, जानिए आईआईटी की मदद से कैसे झमाझम बरसाया जाएगा पानी

आप अचरज में होंगे और सोच रहे होंगे कि क्या जो प्राकृतिक प्रक्रिया है, उसे भी इंसान जब चाहे करा सकता है! जी हां, इंसान जब चाहे, तब कृत्रिम बारिश करा सकता है। इसके लिए रसायनों की जरूरत पड़ती है। हम बताते हैं कि आखिर दिल्ली में आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक किस तरह कृत्रिम बारिश कराएंगे।

Rain

नई दिल्ली। दिल्ली और एनसीआर में जबरदस्त प्रदूषण को खत्म करने के लिए बारिश ही अब एकमात्र सहारा है। प्राकृतिक तौर पर दिल्ली और एनसीआर में अभी बारिश होने की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल की सरकार ने दिल्ली और एनसीआर में कृत्रिम बारिश कराने की तैयारी की है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को मीडिया को बताया था कि दिल्ली सरकार 21 और 22 नवंबर को राजधानी में कृत्रिम बारिश कराना चाहती है। इसके लिए आईआईटी कानपुर से संपर्क साधा गया है। दरअसल, इस साल जून में आईआईटी कानपुर ने कृत्रिम बारिश का प्रयोग सफल कर दिखाया था। इसी वजह से केजरीवाल सरकार ने अब दिल्ली और आसपास के इलाकों में झमाझम बारिश कर प्रदूषण खत्म करने के लिए आईआईटी कानपुर से संपर्क साधा है। इससे पहले चीन, जापान और यूएई इसी तरह की कृत्रिम बारिश अपनी जरूरत के वक्त करा चुके हैं।

आप अचरज में होंगे और सोच रहे होंगे कि क्या बारिश जो प्राकृतिक प्रक्रिया है, उसे भी इंसान जब चाहे करा सकता है! जी हां, इंसान जब चाहे, तब कृत्रिम बारिश करा सकता है। इसके लिए कुछ रसायनों की जरूरत पड़ती है। हम आपको बताते हैं कि आखिर दिल्ली में आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक किस तरह कृत्रिम बारिश कराएंगे। पहले एक सेसना विमान में आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक सिल्वर आयोडाइड, ड्राई आइस और क्लोराइड के टैंक लगाएंगे। इसके बाद विमान को 5000 फिट की ऊंचाई पर ले जाया जाएगा। इस ऊंचाई पर हवा में ये रसायन विमान के दोनों तरफ लगे पाइपों से छिड़के जाएंगे। ज्यादा ऊंचाई पर ठंड काफी होने के कारण सिल्वर आयोडाइड, ड्राई आइस और क्लोराइड जम जाएंगे। हवा में नमी के साथ प्रतिक्रिया कर ये बारिश कराएंगे। जितना ज्यादा केमिकल छिड़का जाएगा, उतनी ही तेज और ज्यादा बारिश होगी और बारिश से पर्यावरण साफ हो जाएगा।

दिल्ली और एनसीआर में अभी भयानक प्रदूषण है। एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई 400 से काफी ऊपर है। इसके अलावा पीएम 2.5 और पीएम 10 के कणों की मात्रा भी सुरक्षित स्तर से काफी ज्यादा है। इसकी वजह से चौतरफा धुंध फैली है। सांस लेने में लोगों को दिक्कत हो रही है और आंखों में जलन भी इस प्रदूषण से होती है। दिल्ली और एनसीआर में लगातार प्रदूषण के कारण सुप्रीम कोर्ट ने भी नाराजगी जताई थी और इसे खत्म करने के लिए हर संभव कदम उठाने के निर्देश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि अगर कदम नहीं उठाए गए, तो वो सख्त कार्रवाई का ऐसा बुलडोजर चलाएगा जो किसी सूरत में नहीं रुकेगा।

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