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भारत में फेसबुक पर लगे गंभीर आरोप तो कंपनी ने दी सफाई, राजनीतिक पार्टी की हैसियत नहीं देखते हम

नई दिल्ली। सोशल मीडिया (Social media) का राजनीति में बेजा इस्तेमाल भारत में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर राजनीतिक दल (Political Party) एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का खेल खेल रहे हैं। इस सब के बीच फेसबुक (Facebook) की तरफ से इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया आई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक (Facebook) ने भारत में सत्ताधारी दल के नेताओं पर नरमी दिखाने के आरोपों के बीच सोमवार को सफाई दी है।

फेसबुक (Facebook) के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि पूरे विश्व में हमारी नीतियां एक जैसी हैं। हम पार्टियों की राजनीतिक हैसियत नहीं देखते। हम किसी की भी राजनीतिक हैसियत/पार्टी की संबद्धता के बिना नफरत फैलाने वाले भाषण (Hate Speech) और कंटेंट को बैन करते हैं। इसके लिए नियमित ऑडिट किए जाते हैं। बता दें कि देश में फेसबुक और वॉट्सऐप के ‘कंट्रोल’ मामले को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं। कांग्रेस ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देकर इस मामले की जांच संयुक्त संसदीय कमेटी (जेपीसी) कराने की मांग की है।

फेसबुक प्रवक्ता ने कहा, ‘हम हिंसा को उकसाने वाली हेट स्पीच और कंटेंट को प्रतिबंधित करते हैं। हम यह देखे बिना इन नीतियों को दुनियाभर में लागू करते हैं कि किसी की क्या राजनीतिक हैसियत है या वो किस दल से जुड़ा है। हम निष्पक्षता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए नियमों को और धारदार बना रहे हैं।’

दरअसल, अमेरिका के अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल (The Wall Street Journal) ने फेसबुक की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। WSJ ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि फेसबुक ने बीजेपी नेताओं और कुछ समूहों के ‘हेट स्पीच’वाली पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई करने में जान-बूझकर कोताही बरती। एक रणनीति के तहत इन पोस्ट को जल्द नहीं हटाया गया।

इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद यह रिपोर्ट सामने आने के बाद राहुल गांधी ने सत्‍तारूढ़ बीजेपी को निशाने पर लिया था। राहुल गांधी ने ट्वीट किया था, ‘भाजपा और आरएसएस भारत में फेसबुक और वाट्एऐप को नियंत्रित करते हैं। वे इसके माध्यम से फर्जी खबरें और नफरत फैलाते हैं। आखिरकार, अमेरिकी मीडिया फेसबुक के बारे में सच्चाई के साथ सामने आया है।’ राहुल ने इसके साथ ही वॉल स्ट्रीट जनरल का स्क्रीन शॉट भी शेयर किया था।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी के इस ट्वीट का जवाब दिया था। रविशंकर प्रसाद ने कहा- ‘अपनी ही पार्टी में लोगों को प्रभावित नहीं कर सकने वाले हारे हुए लोग कहते हैं कि भाजपा, संघ दुनिया को नियंत्रित करते हैं। चुनाव से पहले डेटा को हथियार बनाने के लिए आपको कैंब्रिज एनालिटिका, फेसबुक के साथ गठजोड़ करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। अब हमसे पूछताछ की गुस्ताखी कर रहे हैं।

इसके बाद इस पूरे मामले में केरल से कांग्रेस के सांसद और पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी ऑन इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के चेयरमैन शशि थरूर ने भी प्रतिक्रिया दी थी। थरूर ने ट्वीट किया, ‘मैं इसमें उठाए गए मुद्दों को देखूंगा और निश्चित रूप से जिनका नाम आया है, उनसे जवाब मागूंगा।’

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