नई दिल्ली। शुक्रवार को किसान बिल के विरोध में भारतीय किसान यूनियन समेत कई किसान संगठनों ने देशभर में चक्का जाम करने का ऐलान किया है। इस चक्का जाम को देशभर में 31 संगठन शामिल हैं। मोदी सरकरा द्वारा लाए गए कृषि बिल के खिलाफ हो रहे इस प्रदर्शन को कांग्रेस, RJD, समाजवादी पार्टी, अकाली दल, AAP, TMC समेत कई पार्टियों का साथ भी मिला है। इससे पहले पंजाब में तीन दिवसीय रेल रोको अभियान की गुरुवार से शुरुआत हो गई है। किसान रेलवे ट्रैक पर डटे हुए हैं और बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। वहीं इस बिल और किसानों द्वारा हो प्रदर्शन पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसान हमारे समाज की रीढ़ हैं और हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा पारित किसान बिल गलत दिशा में एक कदम है। यह समय सच्चाई के साथ खड़े होने का है।
इसके अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि, किसानों से MSP छीन ली जाएगी। उन्हें कांट्रेक्ट फार्मिंग के जरिए खरबपतियों का गुलाम बनने पर मजबूर किया जाएगा। न दाम मिलेगा, न सम्मान। किसान अपने ही खेत पर मजदूर बन जाएगा। भाजपा का कृषि बिल ईस्ट इंडिया कम्पनी राज की याद दिलाता है। हम ये अन्याय नहीं होने देंगे।
बता दें कि किसान संगठनों द्वारा घोषित इस प्रदर्शन पर बिहार में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कृषि बिल के खिलाफ ट्रैक्टर रैली निकाली। इस दौरान तेजस्वी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने हमारे ‘अन्नदात’ को ‘निधि दात’ के माध्यम से कठपुतली बना दिया है। कृषि बिल किसान विरोधी है। सरकार ने कहा था कि वे 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करेंगे, लेकिन ये बिल उन्हें और गरीब बना देगा। कृषि क्षेत्र का कॉर्पोरेटकरण किया गया है।
#WATCH Patna: Rashtriya Janata Dal leader Tejashwi Yadav drives a tractor, as he takes part in the protest against #FarmBills passed in the Parliament. #Bihar pic.twitter.com/3CanJjtGo4
— ANI (@ANI) September 25, 2020
वहीं किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। दरअसल, कृषि बिल के खिलाफ किसानों ने आज भारत बंद बुलाया है। इसके बाद दिल्ली बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
इस बीच पीएम मोदी ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का एक इंटरव्यू शेयर करते हुए कहा कि, “सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए निरंतर प्रयास किए, इसके बाद भी हाल ही में संसद में पारित कृषि विधेयक उनके लिए क्यों जरूरी हो गए थे। इस बारे में कृषि मंत्री तोमर जी ने विस्तार से बताया है। इसे हर किसी को जरूर देखना और सुनना चाहिए-“
सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए निरंतर प्रयास किए, इसके बाद भी हाल ही में संसद में पारित कृषि विधेयक उनके लिए क्यों जरूरी हो गए थे। इस बारे में कृषि मंत्री @nstomar जी ने विस्तार से बताया है। इसे हर किसी को जरूर देखना और सुनना चाहिए-https://t.co/2QzutG9A3T
— Narendra Modi (@narendramodi) September 25, 2020
आपको बता दें कि भारत बंद के चलते दिल्ली-चंडीगढ़ बस सेवा को बंद कर दिया गया है। किसानों के विरोध के चलते ट्रेन के पहिये भी थमे हैं। किसान मूवमेंट को लेकर अंबाला जिला प्रशासन चौकन्ना है और 5 बटालियन पुलिस को लगाया गया है। साथ ही रेलवे ट्रेक और स्टेशन की सुरक्षा में जीआरपी व आरपीएफ भी चौकस है। जिला प्रशासन ने प्रदर्शन की वीडियोग्राफी कराने की तैयारी की है।
Punjab: Kisan Mazdoor Sangharsh Committee continues their ‘rail roko’ agitation in Amritsar, in protest against the #FarmBills.
The Committee is holding the ‘rail roko’ agitation from September 24 to 26 against the Bills. pic.twitter.com/NFfSCcWuO5
— ANI (@ANI) September 25, 2020
वहीं पंजाब में भी किसानों का प्रदर्शन जारी है। अमृतसर में किसान मजदूर संघर्ष समिति का रेल रोको अभियान के तहत किसान पूरी रात रेलवे ट्रैक पर ही डटे रहे और कृषि बिल का विरोध करते रहे। किसानों का कहना है कि हम 26 सितंबर तक रेल रोको अभियान चलाएंगे, उसके बाद भी अगर सरकार बिल वापस नहीं लेती है तो हम आगे की रणनीति बनाएंगे।
किस चीज का है विरोध
संसद के दोनों सदनों ने जिन दो विधेयकों पर मुहर लगाई है, उनमें पहला कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 और दूसरा कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 शामिल हैं। इन्हीं दोनों बिल को लेकर किसान सड़क पर हैं। दरअसल इस बिल को लेकर किसानों की चिंता है कि, उन्हें डर है कि नए बिल के प्रावधानों की वजह से कृषि क्षेत्र पूंजीपतियों और कॉर्पोरेट घरानों के हाथों में चला जाएगा। कुछ संगठन और सियासी दल चाहते हैं कि MSP को बिल का हिस्सा बनाया जाए ताकि अनाज की खरीदारी न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे ना हो। जबकि सरकार साफ-साफ कह चुकी है कि MSP और मंडी व्यवस्था पहले की तरह ही जारी रहेगी।