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Nirmala Sitharaman On Constitution Debate In Rajya Sabha : राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पर बरसीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली। राज्यसभा में आज संविधान पर बहस के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी द्वारा संविधान संशोधन का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की पूर्व सरकारों में जो संवैधानिक संशोधन किए गए वो लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नहीं बल्कि अपनी रक्षा और अपनी सरकार के अधिकारों को बढ़ाने के लिए किए गए। इस दौरान उन्होंने इंदिरा गांधी द्वारा देश में लगाए गए आपातकाल का भी जिक्र किया। साथ ही उन्होंने लालू प्रसाद यादव पर भी तीखे शब्द बाण चलाए।

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>Watch: Union Finance Minister Nirmala Sitharaman says, &quot;The entire opposition was put in jail. There was nobody there. The entire opposition was in jail. Then came the constitutional amendment, sir. The process, the touchstone we need to consider, is whether the process was… <a href=”https://t.co/xTIP6HrgeP”>pic.twitter.com/xTIP6HrgeP</a></p>&mdash; IANS (@ians_india) <a href=”https://twitter.com/ians_india/status/1868553788111589755?ref_src=twsrc%5Etfw”>December 16, 2024</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी ने पूरे विपक्ष को जेल में डाल दिया गया था। आवाज उठाने वाला वहां कोई नहीं बचा था क्यों पूरा विपक्ष जेल में था। फिर संवैधानिक संशोधन प्रक्रिया आई, जिस कसौटी पर हमें विचार करने की ज़रूरत है, वह यह है कि क्या वह प्रक्रिया वैध थी। वह प्रक्रिया पूरी तरह से अमान्य थी, और इसलिए मुझे लगता है कि यह सत्ता का खुला दुरुपयोग था। उन्होंने कहा कि संविधान में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ को शामिल करने की प्रस्तावना में परिवर्तन कांग्रेस द्वारा संवैधानिक प्रक्रियाओं, सिद्धांतों और संस्थानों के प्रति अनादर और उपेक्षा को उजागर करता है।

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> | Constitution Debate | In Rajya Sabha, Union Finance Minister Nirmala Sitharaman says, &quot;…I know of political leaders who have chosen to have the children named after MISA to remember those black days and now they wouldn&#39;t even mind having an alliance with them…&quot; <a href=”https://t.co/daNDLXr4Jv”>pic.twitter.com/daNDLXr4Jv</a></p>&mdash; ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1868550085757530559?ref_src=twsrc%5Etfw”>December 16, 2024</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

निर्मला सीतारमण ने आरजेडी प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए कहा, मैं ऐसे राजनीतिक नेताओं को जानती हूं जिन्होंने उन काले दिनों को याद करने के लिए अपने बच्चों का नाम मीसा कानून के नाम पर रखा है और कांग्रेस को उनके साथ गठबंधन करने में भी कोई आपत्ति नहीं है। आपको बता दें कि लालू यादव की बड़ी बेटी का नाम मीसा भारती है। निर्मला सीतारमण ने कहा, 1949 में मिल मजदूरों के लिए आयोजित एक बैठक के दौरान मजरूह सुल्तानपुरी ने एक कविता पढ़ी जो जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ लिखी गई थी और इसलिए उन्हें जेल जाना पड़ा। उन्होंने इसके लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया। वहीं, बलराज साहनी को भी उसी साल जेल में डाला गया था।

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”hi” dir=”ltr”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, &quot;मजरूह सुल्तानपुरी और बलराज साहनी दोनों को 1949 में जेल में डाल दिया गया था। 1949 में मिल मजदूरों के लिए आयोजित एक बैठक के दौरान मजरूह सुल्तानपुरी ने एक कविता पढ़ी जो जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ लिखी गई थी और इसलिए उन्हें जेल जाना… <a href=”https://t.co/HL0QLhdzGU”>pic.twitter.com/HL0QLhdzGU</a></p>&mdash; ANI_HindiNews (@AHindinews) <a href=”https://twitter.com/AHindinews/status/1868545938383569226?ref_src=twsrc%5Etfw”>December 16, 2024</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

वित्त मंत्री ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का कांग्रेस का रिकॉर्ड इन दो लोगों तक ही सीमित नहीं है। 1975 में माइकल एडवर्ड्स द्वारा लिखी गई एक राजनीतिक जीवनी ‘नेहरू’ पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। कांग्रेस सरकार द्वारा ‘किस्सा कुर्सी का’ नामक फिल्म पर भी सिर्फ इसलिए प्रतिबंध लगा दिया क्योंकि इसमें प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे पर सवाल उठाया गया था।

 

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