नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के भीतर चल रहे राजनीतिक संकट के बीच, दोनों गुटों ने बुधवार, 5 जुलाई को अलग-अलग मीटिंग बुलाईं। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने एम.टी. में अपने खेमे के सदस्यों और पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। मुंबई के भंडारा में मुलाकात के दौरान उन्होंने कई अहम दावे किए और शरद पवार पर तंज कसने से भी वो पीछे नहीं हटे।
आपको बता दें कि बगावत करने के बाद अजित पवार ने कहा कि 2004 में कांग्रेस पार्टी से अधिक विधायक होने के बावजूद, एनसीपी ने मुख्यमंत्री पद हासिल करने का मौका गंवा दिया। उन्होंने व्यक्त किया कि यदि उन्होंने उस समय कांग्रेस पार्टी को मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ा होता, तो महाराष्ट्र में अब तक केवल एनसीपी के मुख्यमंत्री होते। साथ ही उन्होंने बताया कि राजनीतिक परिदृश्य में उन्हें हमेशा खलनायक के रूप में चित्रित किया जाता है।
एनसीपी के भीतर राजनीतिक संकट आंतरिक संघर्षों और पार्टी नेताओं के बीच मतभेद के कारण उभरा। ये हालिया अलग-अलग बैठकें पार्टी के भीतर गहराते विभाजन का संकेत देती हैं, जिसमें प्रत्येक गुट समर्थन हासिल करने और अपनी स्थिति मजबूत करने का प्रयास कर रहा है। अजित पवार द्वारा दिए गए बयान उनके खेमे द्वारा महसूस की गई हताशा और निराशा को दर्शाते हैं, जिसमें छूटे हुए अवसरों और पार्टी में उनकी भूमिका के अनुचित चित्रण पर जोर दिया गया है।