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जानिए इस वजह से भारतीय वायुसेना ने फ्रांसीसी एयरफोर्स का जताया आभार

फ्रांस के शहर बोर्डेऑस्क में मैरीग्नेक वायुसेना अड्डे से रवाना हुए ये विमान लगभग सात हजार किलोमीटर का सफर तय करके अंबाला वायुसेना एयरबेस पर पहुंचेंगे।

नई दिल्ली। चीन से तनातनी के बीच फ्रांस से लड़ाकू विमान राफेल भारत पहुंच रहे हैं। सोमवार को पांच राफेल विमान फ्रांस से रवाना हुए और सात घंटे की यात्रा के बाद यूएई के एयरबेस पर पहुंचे। ये विमान बुधवार को अंबाला एयरबेस पहुंचेंगे। सफर के दौरान हवा में ही इन विमानों में ईंधन भरा गया। भारतीय वायुसेना ने इसे लेकर फ्रांसीसी वायुसेना का खास तौर पर आभार जताया है। वहीं सुरक्षा को ध्‍यान में रखते हुए अंबाला एयरफोर्स स्टेशन के आसपास के 4 इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है।

फ्रांस के शहर बोर्डेऑस्क में मैरीग्नेक वायुसेना अड्डे से रवाना हुए ये विमान लगभग सात हजार किलोमीटर का सफर तय करके अंबाला वायुसेना एयरबेस पर पहुंचेंगे। बता दें कि भारत ने वायुसेना के लिए फ्रांस के साथ चार साल पहले 36 राफेल विमान खरीदने के लिए 59 हजार करोड़ रुपये का करार किया था।

 

वायुसेना में राफेल लड़ाकू विमान के शामिल होने से उसकी युद्ध क्षमता में काफी बढ़ोतरी होगी। राफेल विमानों के भारत आने का समय भी अहम है। ये विमान भारत को ऐसे समय में मिल रहे हैं, जब लद्दाख में सीमा मामले पर चीन के साथ गतिरोध चल रहा है। माना जा रहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव को देखते हुए इन्हें चीन सीमा पर तैनात किया जा सकता है, जहां वायुसेना संचालन क्षमताएं और मजबूत करना चाहती है।

पांच राफेल विमानों के इस जत्थे में तीन एक सीट वाले और दो विमान दो सीटों वाले हैं। विमानों में उड़ान के दौरान हवा में ही ईंधन भरा गया। इस काम में फ्रांसीसी वायुसेना के टैंकर की मदद ली गई। इससे पहले सोमवार को फ्रांस से उड़ान भरने के सात घंटे बाद ये विमान तय कार्यक्रम के मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अल दाफरा हवाई अड्डे पर उतरे थे। अगर मौसम सही रहा तो ये विमान बुधवार को अंबाला पहुंच जाएंगे।

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