नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर को विवादित मसला बताना, पाकिस्तान को भारत के खिलाफ सैन्य मदद देना जैसी भारत विरोधी गतिविधियां करने वाला तुर्किए अब भारत की मदद की जमकर सराहना कर रहा है। तुर्किए का कहना है कि भारत ने उसके कठिन समय में अच्छे दोस्त जैसा काम किया है। भारत में तुर्किए के राजदूत फिरात सुनेल ने ये बात कही है। फिरात सुनेल ने ट्वीट में तुर्किए की एक कहावत का हवाला दिया है। तुर्किए में कहावत है- दोस्त कारा गुंदे बेल्ली ओलुर…यानी वक्त पर मदद करने वाला ही दोस्त होता है। तुर्किए के भारत के प्रति ये सुर उसके यहां आए भूकंप के बाद बदले दिख रहे हैं। देखिए तुर्किए के भारत में राजदूत फिरात ने क्या लिखा है।
“Dost” is a common word in Turkish and Hindi… We have a Turkish proverb: “Dost kara günde belli olur” (a friend in need is a friend indeed).
Thank you very much ??@narendramodi @PMOIndia @DrSJaishankar @MEAIndia @MOS_MEA #earthquaketurkey https://t.co/nB97RubRJU— Fırat Sunel फिरात सुनेल فرات صونال (@firatsunel) February 6, 2023
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान परस्ती दिखाने वाले तुर्किए में भूकंप ने तबाही मचा दी है। अब तक 4000 से ज्यादा लोगों की मौत और 10000 से ज्यादा के घायल होने की खबर है। मलबे के नीचे हजारों लोगों के दबे रहने की आशंका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अंदेशा जताया है कि 32000 से ज्यादा लोग तुर्किए में भूकंप के कारण मारे गए होंगे। ऐसे हालात में सबसे पहले भारत ने तुर्किए को मदद देने का एलान किया था और बचाव के लिए वहां टीम भी भेजी है। भूकंप की खबर आने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश पर विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन भी हालात के बारे में जानकारी लेने दिल्ली में तुर्की के दूतावास गए थे।
पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ही तुर्किए की मदद का एलान कर दिया था। उन्होंने एनडीआरएफ और डॉक्टरों की टीम के अलावा दवाइयां और जरूरी सामान भेजने के निर्देश दिए थे। ये सबकुछ आज तुर्किए पहुंचने जा रहा है। सवाल ये उठ सकता है कि आखिर भारत के कट्टर दुश्मन पाकिस्तान के मददगार तुर्किए की मदद के लिए पीएम मोदी क्यों आगे आए? इसकी वजह भारत का प्राचीन सूत्रवाक्य ‘वसुधैव कुटुंबकम’ है। मोदी हमेशा इस बात को दोहराते हैं। कई बार कह चुके हैं कि हम पूरी दुनिया के लोगों को अपना मानते हैं। ऐसे में मोदी ने पाकिस्तान परस्त होने के बाद भी तुर्किए की मदद की। तुर्किए अब भारत के इसी कदम की सराहना कर रहा है। क्या वो इसके बाद भी पाकिस्तान के पक्ष में राग गाता रहेगा? इस सवाल का जवाब भविष्य में छिपा हुआ है।