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Joshimath Subsidence: आज से शुरू होगा जोशीमठ में खतरनाक मकानों को गिराने का काम, 2 होटल भी किए जाएंगे जमींदोज

जोशीमठ के खतरनाक मकानों को गिराने का सुझाव राज्य सरकार की एक कमेटी ने जांच-पड़ताल के बाद दिया है। इस कमेटी ने शनिवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि जोशीमठ में पहले से ही काफी मलबा था। उसी मलबे पर लोगों ने मकान और होटल वगैरा बना लिए।

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जोशीमठ। उत्तराखंड के जोशीमठ में रहने वालों के लिए आज बहुत दुख का दिन है। दरारों की वजह से खतरनाक हो चुके उनके मकानों को गिराने का काम शुरू हो रहा है। मकानों के अलावा मलारी इन और माउंट व्यू नाम के होटलों को भी गिराया जाएगा। जिन मकानों को गिराया जाना है, उनको चिह्नित कर लिया गया है। अगले एक हफ्ते में सबसे खतरनाक मकानों को गिराए जाने की तैयारी है। मकानों को गिराए जाने के बाद उनके मलबे को भी तुरंत साफ किया जाएगा। ताकि जमीन धंसाव की वजह से खतरा बने जोशीमठ को और नुकसान न पहुंच सके।

जोशीमठ में खतरनाक मकानों को क्रॉस का चिन्ह लगाया गया है। ऐसे सभी मकान अब गिराए जाएंगे।

जोशीमठ के खतरनाक मकानों को गिराने का सुझाव राज्य सरकार की एक कमेटी ने जांच-पड़ताल के बाद दिया है। इस कमेटी ने शनिवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि जोशीमठ में पहले से ही काफी मलबा था। उसी मलबे पर लोगों ने मकान और होटल वगैरा बना लिए। इसकी वजह से दबाव बना। अब पहाड़ फिर उठ रहे हैं। इस वजह से होटलों और मकानों के साथ ही सड़कों पर भी चौड़ी और गहरी दरारें आ रही हैं। केंद्रीय टीम के जोशीमठ दौरे के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उनसे बातचीत भी की थी। जिसके बाद मकानों को गिराने के लिए चिन्हित करने का काम शुरू किया जा रहा है। वहीं, आज केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम भी जोशीमठ पहुंचने वाली है।

जोशीमठ में विशेषज्ञों की टीम ने भी दौरा किया था।

अब तक की जानकारी के मुताबिक जोशीमठ में 610 से ज्यादा मकानों को खतरनाक घोषित किया जा चुका है। इन मकानों में ज्यादातर सिंहधार वार्ड में हैं। बड़ी-बड़ी दरारों की वजह से मकान इतने खतरनाक हो गए कि 90 के करीब परिवारों को सुरक्षित जगह ले जाना पड़ा है। स्थानीय लोग एनटीपीसी की टनल की खोदाई को इन दरारों की वजह बता रहे हैं। जबकि, एनटीपीसी ने इससे साफ इनकार किया है। जोशीमठ के मकानों में दरारें तो पिछले साल अगस्त से ही आ रही थीं, लेकिन नवंबर के आखिरी से इन दरारों की संख्या भी बढ़ी और जमीन के नीचे से पानी के सोते भी फूटने लगे। दीवारों से भी पानी आने लगा था। जिससे यहां हड़कंप मचा हुआ है।

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