नई दिल्ली। उद्धव ठाकरे की विश्वासपात्र रही शिवसेना की वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र विधान परिषद के उपाध्यक्ष नीलम गोरी ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का दामन थाम लिया और उद्धव ठाकरे गुट से एकनाथ शिंदे के गुट में शामिल हो गई। इसके बाद एकनाथ शिंदे ने उनको आज एक और बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए शिव सेना पार्टी के ‘नेता’ के रूप में नियुक्त किया है। ‘नेता’ (नेता) का पद पार्टी अध्यक्ष के बाद सबसे वरिष्ठ सदस्य को दिया जाता है। नीलम गोरे, जो वर्तमान में महाराष्ट्र विधान परिषद की उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं, शुक्रवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में शामिल हो गईं।
इस अवसर पर नीलम गोरे ने कहा, “एकनाथ शिंदे के कुशल नेतृत्व में, शिवसेना सही दिशा में आगे बढ़ रही है। महिलाओं की समस्याओं और राज्य और देश के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए, मैंने इसमें शामिल होने का निर्णय लिया है।” शिव सेना में उनका शामिल होना महिलाओं के मुद्दों पर शिवसेना की प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है और राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए उनके समर्पण को स्पष्ट करता है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नीलम गोरे के उनकी पार्टी में शामिल होने के फैसले पर संतोष जताया और पार्टी के भविष्य को आकार देने में महिला नेताओं के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “मैं नीलम गोरे का हमारी पार्टी में स्वागत करता हूं। उनकी विशेषज्ञता और अनुभव महिला सशक्तिकरण और समावेशी विकास की दिशा में हमारे प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान देगा।”