News Room Post

कृषि बिलों का विरोध कर रहे किसान संगठनों को सरकार की एक और चिट्ठी, कहा- सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार

government letter to farmer

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों को दिल्ली में प्रदर्शन करते हुए लगभग एक महीना हो चुका है। गौरतलब है कि गुरुवार को किसान आंदोलन का 29वां दिन है। ऐसे में सरकार की तरफ से पेश किए गए कृषि बिलों में संशोधन के प्रस्ताव को प्रदर्शन कर रहे किसानों की तरफ से ठुकरा दिया गया है। किसानों का साफ कहना है कि सरकार बिना किसी शर्त के साथ बातचीत की टेबल पर आए। जब तक सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती, तबतक वो अपना प्रदर्शन वापस नहीं लेंगे। वहीं गुरुवार को ही राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेता कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रपति को 2 करोड़ हस्ताक्षर का ज्ञापन सौंप दिया है। इस ज्ञापन के जरिए कांग्रेस दिखाना चाहती है कि उन्हें सरकार के खिलाफ कितने किसानों का समर्थन प्राप्त है। बता दें कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों को सरकार ने फिर एक चिट्ठी लिखी है और कहा है कि वह सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है।

किसान संगठनों को यह चिट्ठी कृषि मंत्रालय में संयुक्त संचिव विवेक अग्रवाल ने लिखी है। इस चिट्ठी में सरकार की तरफ से किसान संगठनों से कहा गया है कि वह हर मुद्दे पर बातचीत के लिए तैयार है। सरकार की तरफ से कहा गया कि इस बातचीत में आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव पर भी चर्चा कर सकते हैं।

वहीं सरकार ने किसानों की एमएसपी को लेकर पैदा हुई आशंका को लेकर कहा है कि जहां तक एमएसपी का सवाल है तो तीनों कानूनों में एमएसपी का कोई जिक्र नहीं है लेकिन सरकार इसके लिए लिखित में आश्वासन देने को तैयार है। लेकिन किसान संगठनों की ओर से नई मांग रखना, तर्कसंगत नहीं है।

किसानों को लिखी गई इस चिट्ठी में कहा गया है कि विद्युत अधिनियम और पराली के बारे में जो प्रस्ताव दिया गया है सरकार उस पर बातचीत को राजी है। किसान संगठनों से यह अपील की गई है कि वह बातचीत के लिए तारीख और समय बताएं।

Exit mobile version