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Kerala: मंच पर छात्रा का अपमान करने वाले मुस्लिम नेता पर फूंटा राज्यपाल आरिफ खान का गुस्सा, बोले- कुरान के खिलाफ महिलाओं…

Kerala Governor Arif

नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक मदरसे के उद्घाटन के दौरान स्टेज पर एक मुस्लिम लड़की को सम्मानित करने के लिए बुलाए जाने पर मुस्लिम विद्वान व इस्लामिक शिक्षा बोर्ड  समस्था   के उपाध्यक्ष एमटी अब्दुल्ला मुसलियार द्वारा आयोजकों को डांटा गया और उस लड़की को अपमानित भी किया गया। अब इसी मामले पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने देश के मौलवी द्वारा कुरान और संविधान के प्रावधान व निर्देशों के खिलाफ महिलाओं का दमन करने की बात कही है।

होनहार होना गुनाह बन गया- राज्यपाल        

मामले पर निराशा जताते हुए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने ट्वीट कर कहा, ‘मौलवियों की तरफ से मुस्लिम महिलाओं के दमन का यह एक और उदाहरण है। इस घटना पर राज्य और राष्ट्रीय स्तर के राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक नेतृत्व की खामोशी निराशाजनक है। जबकि, सभी दलों को बेटियों के सम्मान की रक्षा के लिए आगे बढ़कर इस घटना की निंदा करनी चाहिए। उस लड़की का सिर्फ यही कसूर है कि वह होनहार है और मुस्लिम परिवार में पैदा हुई है। जबकि, कुरान और संविधान दोनों ही महिलाओं के सम्मान की बात करते हैं।’

वीडियो हो रहा तेजी से वायरल

कक्षा 10 की छात्रा के अपमान का वीडियो अब सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। वीडियो में देखा जा सकता है एमटी अब्दुल्ला मुसलियार कहते दिख रहे हैं कि आखिर उनकी मौजूदगी में संस्था के नियमों के खिलाफ लड़की को स्टेज पर क्यों बुलाया गया। अगर लड़की का सम्मान करना ही था तो उसके पिता को स्टेज पर बुलाना जाना चाहिए था। वीडियो में आयोजक इस घटना पर माफी मांगते हुए भी दिखाई दे रहे हैं। जब ये पूरी घटना हुई इस दौरान इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के नेता पनक्कड़ सैयद अब्बास अली शिहाब थंगल भी मंच पर मौजूद थे।

आपको बता दें, केरल में इस्लामिक शिक्षा बोर्ड, समस्था की तरफ से लगभग 10 हजार मदरसों का संचालन किया जाता है। इसके उपाध्यक्ष एमटी अब्दुल्ला मुसलियार केरल की राजनीति में खासा अहमियत रखते हैं। हालांकि केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का पूरे मामले पर कहना है कि कोई भले ही कितना भी बड़ा आदमी हो, कानून उसपर भी लागू होता है। लोकतंत्र में सिर्फ कानून का राज ही मायने रखता है। भले ही एक व्यक्ति लाखों मदरसों का संचालन करता हो लेकिन इससे उसे एक बच्ची को अपमानित करने का हक हासिल नहीं हो जाता।

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