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Modi As Conservationist: वन्यजीवों से PM मोदी का प्यार ला रहा है रंग, देश में बढ़े जंगल, शेर और बाघ समेत जानवरों की तादाद में भी इजाफा

पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर चीतों को भारत में फिर से बसाने का कार्यक्रम शुरू हो रहा है। मोदी वन्यजीव को बहुत पसंद करते हैं। वन्यजीवों के संरक्षण के लिए उन्होंने तमाम कदम उठाए हैं। इसके साथ ही उनकी सरकार के दौरान पर्यावरण और पेड़-पौधों को बचाने के लिए ऐसे काम हुए हैं, जिससे देश में अब हरियाली दिखने लगी है।

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नई दिल्ली। 74 साल बाद आज से भारत में फिर चीते दिखेंगे। नामीबिया से 8 चीते लाकर मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रखा जा रहा है। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका से भी 12 चीते लाए जाएंगे। पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर चीतों को भारत में फिर से बसाने का कार्यक्रम शुरू हो रहा है। मोदी वन्यजीव को बहुत पसंद करते हैं। वन्यजीवों के संरक्षण के लिए उन्होंने तमाम कदम उठाए हैं। इसके साथ ही उनकी सरकार के दौरान पर्यावरण और पेड़-पौधों को बचाने के लिए ऐसे काम हुए हैं, जिससे देश में अब हरियाली दिखने लगी है। साल 2014 में जहां देश के महज 4.90 फीसदी इलाके में संरक्षित इलाका था। अब वो बढ़कर 5.03 फीसदी हो चुका है। पहले 1,61,081.62 वर्ग किलोमीटर के ऐसे 740 इलाके थे। अब संरक्षित इलाके की संख्या 981 हो चुकी है और इलाका भी बढ़कर 1,71,921 वर्ग किलोमीटर हो गया है।

पिछले 4 साल की बात करें, तो देश में वनों का इलाका भी बढ़ा है। अब 16000 वर्ग किलोमीटर में वन हैं। भारत उन कुछ देशों में शामिल हो गया है, जहां वनों का क्षेत्रफल बढ़ रहा है। सामुदायिक रिजर्व की बात करें, तो साल 2014 में इनकी संख्या 43 थी। जबकि, 2019 में ही ये 100 हो चुके थे। देश में बाघ बचाओ की दिशा में काफी काम मोदी सरकार के दौरान हुआ है। देश के 18 राज्यों में 75,000 वर्ग किलोमीटर में 52 टाइगर रिजर्व हैं। इनमें दुनिया के बाघों की 75 फीसदी आबादी रहती है। साल 2018 में ही भारत ने बाघों की संख्या दोगुनी कर ली थी। जबकि, ये आंकड़ा 2022 तक हासिल करने का लक्ष्य था। साल 2014 में देश में 2226 बाघ थे। साल 2018 में इनकी संख्या 2967 हो चुकी थी। बाघों के संरक्षण के लिए बजट जहां 2014 में 185 करोड़ रखा गया था। अब ये 300 करोड़ है।

भारत में गुजरात का गिर अभयारण्य एशियाई शेरों के लिए विख्यात है। एशिया में शेर सिर्फ गिर में ही पाए जाते हैं। गुजरात के सीएम पद पर रहते हुए मोदी ने शेरों को बचाने के लिए कई फैसले किए थे। इससे वहां शेरों की तादाद में बढ़ोतरी भी हुई है और उनके संरक्षित क्षेत्र के आसपास बसने वाले लोगों से टकराव भी कम हुआ है। साल 2015 में गिर अभयारण्य में जहां 523 शेर थे। अब इनकी संख्या 28.87 फीसदी बढ़कर 674 हो गई है। वहीं, तेंदुआ संरक्षण योजना की वजह से 2020 में इनकी संख्या बढ़कर 12852 हो गई थी। जबकि, साल 2014 में देश में सिर्फ 7910 तेंदुए ही थे।

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