शिमला। बीते दिनों ये खबर चर्चा में रही कि हिमाचल प्रदेश के 15000 कर्मचारियों को 1 जून को तनख्वाह नहीं मिली। कई जगह खबरें छपीं कि हिमाचल सरकार के खजाने में पैसा न होने के कारण ऐसा हुआ। हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हालांकि इन खबरों को गलत बताया है। फिर भी अब इस मामले में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने सारा ठीकरा सीएम सुक्खू के सिर फोड़ दिया है। प्रतिभा सिंह ने कहा है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू ही राज्य के नेता हैं। ऐसे में उनको ही तय करना है कि वो हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति को कैसे मजबूत बना सकते हैं।
#WACTH | He (Sukhvinder Singh Sukhu) is the leader of the state. He will have to think about how we will have to strengthen the financial condition (of the state). He will have to take steps towards this so that our financial condition improves and we can govern the state well,”… pic.twitter.com/a5wx5y5Ogx
— ANI (@ANI) June 14, 2023
प्रतिभा सिंह ने ये भी कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू को ऐसे कदम उठाने होंगे, ताकि हिमाचल की वित्तीय स्थिति सुधरे और राज्य अच्छा प्रदर्शन कर सके। प्रतिभा सिंह के इस बयान से साफ है कि हिमाचल की अगर माली हालत खराब होती है, तो कांग्रेस अध्यक्ष अपनी पार्टी की जिम्मेदारी की जगह सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को ही इसके लिए जिम्मेदार मानेंगी। हिमाचल में कांग्रेस ने चुनाव से पहले पुरानी पेंशन योजना समेत कई वादे किए थे। इनमें पहले साल 1 लाख नौकरी देने, वयस्क महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए, हर घर को 300 यूनिट मुफ्त बिजली, 680 करोड़ की स्टार्टअप निधि और सभी बुजुर्गों को 4 साल में 1 बार मुफ्त तीर्थ यात्रा कराना शामिल है। इन योजनाओं को धरती पर उतारने के लिए करीब 10000 करोड़ रुपए अतिरिक्त चाहिए।
हिमाचल की वित्तीय स्थिति के बारे में प्रतिभा सिंह के इस बयान से उनके और सुक्खू के बीच जिस टकराव की अटकलें लगती हैं, वो भी खुलकर सामने दिखने लगी है। हिमाचल में कांग्रेस जब विधानसभा चुनाव जीती थी, तो प्रतिभा सिंह को सीएम बनाने के लिए उनके समर्थक जद्दोजदह करते दिखे थे। बाद में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को हस्तक्षेप करना पड़ा और फिर सुखविंदर सिंह सुक्खू को हिमाचल प्रदेश का सीएम बनाया गया।