नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मालिक को भ्रष्टाचार के एक केस में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई ने मौखिक समन भेजा है। उन्हें 27-28 अप्रैल को सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलावा भेजा। इसकी जानकारी खुद पूर्व गवर्नर सत्यपाल मालिक ने दी थी। वहीं सीबीआई द्वारा उन्हें समन भेजने को लेकर सियासत भी गरमा गई है। बता दें कि बीते कुछ दिनों पहले सत्यपाल मालिक ने एक इंटरव्यू के दौरान पुलवामा अटैक को लेकर मोदी सरकार पर सनसनीखेज आरोप लगाए थे। जिसको लेकर देश की सियासत में भूचाल मच गया था। कांग्रेस समेत विपक्ष दलों ने केंद्र सरकार पर हमला बोला था। इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहली बार सत्यपाल मालिक के आरोप पर जवाब दिया है। आजतक को दिए खास साक्षात्कार में अमित शाह ने पूर्व गवर्नर के आरोपों पर पलटवार किया है।
सीबीआई द्वारा सत्यपाल मलिक को मिले समन पर उन्होंने कहा कि हमारे खिलाफ बोलने पर सीबीआई ने बुलाया है ये सत्य नहीं है। उन्हें तीसरी बार सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलावा भेजा है। अमित शाह ने सत्यपाल मालिक को निशाने पर लेते हुए कहा कि, हमारे साथ छोड़ने के बाद ही ये सारी बातें ही क्यों याद आती है। ये आत्मा उस वक्त क्यों जागृत नहीं होती जब सत्ता में बैठे होते हैं? इसकी भी क्रेडिबिलिटी भी सोचनी चाहिए जनता और पत्रकारों को भी। अगर ये सबकुछ सही है तो जब वो गवर्नर थे तब क्यों चुप रहे।
आगे गृह मंत्री ने कहा ये सब सार्वजनिक चर्चा के मुद्दे नहीं है। मैं देश की जनता से ये कहना चाहता हूं कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया जिसको छिपाना पड़े। कोई अपने स्वार्थ राजनीतिक के लिए हमसे अलग होकर कुछ कहता है तो उसका मूल्यांकन मीडिया को भी करना चाहिए और जनता को भी करना चाहिए।
‘आत्मा तब जागृत क्यों नहीं होती जब सत्ता में बैठे होते हैं?’ – सत्यपाल मलिक पर केंद्रीय मंत्री @AmitShah का पलटवार #KarnatakaRoundtable #KarnatakaConclave #AmitShah #KarnatakaElections2023 (@sudhirchaudhary) pic.twitter.com/rdTXXt8qI2
— AajTak (@aajtak) April 22, 2023
एंकर द्वारा पूछने जाने पर क्या आपको लगा कि इतने महत्वपूर्ण पद किसी गलत व्यक्ति को चुना है? जिस पर अमित शाह ने कहा कि सत्यपाल मलिक लंबे वक्त से हमारी पार्टी में काम करते हुए आए है। राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे। हमारी टीम में भी रहे। सिलेक्शन किया है राजनीति में कई बार ऐसा होता है।