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Modi Govt And Tariff: टैरिफ मुद्दे पर राहुल गांधी और विपक्ष के दबाव में अगर आते पीएम मोदी, चीन जैसा हो जाता हाल!

Modi Govt And Tariff: जबसे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का एलान किया और भारत पर 26 फीसदी टैरिफ लगाया, कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल ये सवाल उठाते रहे कि पीएम नरेंद्र मोदी आखिर इस मुद्दे पर कुछ क्यों नहीं बोल रहे? राहुल गांधी समेत विपक्षी दलों के नेताओं ने मोदी सरकार पर तंज भी कसा। चीन का उदाहरण भी दिया, लेकिन पीएम मोदी ने साबित कर दिया कि अमेरिका से टैरिफ पर टकराव न लेने का रास्ता भारत के लिए अच्छा रहा है।

नई दिल्ली। जबसे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का एलान किया और भारत पर 26 फीसदी टैरिफ लगाया, कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल ये सवाल उठाते रहे कि पीएम नरेंद्र मोदी आखिर इस मुद्दे पर कुछ क्यों नहीं बोल रहे? विपक्ष के कई नेताओं ने चीन का उदाहरण तक दिया। वहीं, कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने तो बुधवार को अहमदाबाद में कांग्रेस के अधिवेशन में पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए ये तक पूछा कि अब 56 इंच की छाती कहां गई और प्रधानमंत्री कहां छिपे हैं? अब जिस तरह चीन पर डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ पर टैरिफ बढ़ाया है, उससे साफ है कि अगर मोदी सरकार ने पलटवार कर अमेरिका पर टैरिफ में बढ़ोतरी की होती, तो चीन की तरह भारत पर भी ट्रंप टैरिफ में भारी बढ़ोतरी कर देते। सुनिए राहुल गांधी ने टैरिफ मुद्दे पर अहमदाबाद में क्या कहा था।

साफ है कि टैरिफ के मुद्दे पर अमेरिका से दो-दो हाथ न करना भारत के लिए अच्छा ही रहा है। अगर पीएम नरेंद्र मोदी विपक्ष की ओर से टैरिफ मुद्दे पर लगाए जा रहे चीत्कार के कारण अमेरिका पर पलटवार करते, तो गणित उल्टा पड़ सकता था और चीन की तरह भारत को भी बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता। वैसे हकीकत ये है कि राहुल गांधी समेत विपक्षी नेता भले ही टैरिफ के मुद्दे पर हो-हल्ला कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार ने मौके की नजाकत को समझते हुए अमेरिका से बातचीत का रास्ता खोला। पीएम मोदी ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को अमेरिका भेजकर वहां बातचीत की और टैरिफ का मुद्दा सुलझाने के लिए भारत और अमेरिका ने बातचीत के वास्ते अपने प्रतिनिधि तय किए। अमेरिका के वित्त सचिव स्कॉट बेसेंट ने भी कहा है कि टैरिफ मुद्दे पर बात करने वाले देशों में भारत सबसे आगे है।

भारत किस तरह टैरिफ के मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रहा है, ये दो दिन पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो के बीच बातचीत से भी समझ आता है। जयशंकर और रूबियो की बातचीत में ये सहमति बनी कि भारत और अमेरिका के बीच जल्दी व्यापार समझौता होना चाहिए। इस व्यापार समझौते पर बातचीत के लिए अमेरिका के वाणिज्य विभाग का एक दल बीते दिनों भारत भी आया था। माना जा रहा है कि भारत और अमेरिका में इस साल के अंत तक व्यापार समझौता हो जाएगा। फिलहाल ट्रंप ने 90 दिन के लिए टैरिफ में छूट का एलान किया है। हो सकता है भारत और अमेरिका के बीच इसी समयसीमा में टैरिफ पर बात बन जाए।

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