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Congress: छत्तीसगढ़ में दिखा कांग्रेसियों का कुर्सी प्रेम, मंच पर बैठने के लिए जुबानी जंग

नई दिल्ली। तो देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की बदहाली का एक कारण यह भी है कि यहां नेता पार्टी को मजबूत करने के लिए नहीं, बल्कि पहली पंक्ति में कुर्सी पर बैठने के लिए लड़ते हैं। जी हां…हैरान मत होइए…आप जो भी पढ़ रहे हैं…बिल्कुल सौ टका सही पढ़ रहे हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर आप ऐसे कैसे कह सकते हैं? आप तो ऐसा कहकर पार्टी पर गंभीर तोहमतें लगा रहे हैं। तो आपको बता दें कि ऐसा कहकर हम पार्टी पर कोई तोहमत नहीं लगा रहे हैं, बल्कि हमारे पास कुछ चलचित्र आए हैं, जो इस बात की तस्दीक करते हैं। चलिए पहले हम आपको इस प्रकरण से जुड़े कुछ चलचित्र दिखाते हैं। इसके बाद आगे हम आपको शब्दों की दरिया में सराबोर करके पूरा माजरा तफसील से बताएंगे।

देखिए वीडियो

अब आपने पूरा वीडियो देख लिया है, तो आगे आपको पूरा माजरा भी बता देते हैं। दरअसल, यह पूरा वाकया छत्तीसगढ़ का है, जहां कांग्रेस ने राहुल गांधी के समर्थन में प्रेसवार्ता की। प्रेसवार्ता में राज्य कांग्रेस इकाई के कई नेता शामिल हुए। प्रेसवार्ता में राहुल के समर्थन में नेताओं की टोली को दावत दिया गया था कि वो राहुल के समर्थन में मीडिया के समक्ष कुछ शब्द कहे और लगे हाथों बीजेपी की भी क्लास लगाए, जैसा कि कहा जा रहा है कि यह सबकुछ बीजेपी की ही साजिश है, जिसके तहत राहुल की सांसदी छीनी गई है, लेकिन ये लोग बीजेपी की क्या क्लास लगाएंगे। ये तो आपस में ही भिड़ गए। वो किस के लिए, तो कुर्सी के लिए। नेता ने कहा कि मैं बैठूंगा इस कुर्सी पर, तो नेत्री ने कहा कि नहीं मैं बैठूंगी इस कुर्सी पर। फिर क्या था। दोनों के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया। दोनों एक-दूसरे की क्लास लगाने लगे। ऐसे में अब आप बतौर पाठक सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि ये लोग भला कांग्रेस की लुटिया डुबो कर ही दम लेंगे। चलिए, अब एक नजर राहुल गांधी प्रकरण पर भी डाल लेते हैं।

बता दें कि मोदी सरनेम को लेकर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुरत की अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद उनकी सांसदी छीन ली गई थी। ध्यान रहे कि जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत अगर किसी राजनेता को दो साल या उससे अधिक की सजा सुनाई जाती है, तो उसकी संसद सदस्यता रद्द कर दी जाती है, लेकिन उसके पास इस फैसले को चुनौती देने का अधिकार उपरी अदालत में होता है, जैसा कि वर्तमान में राहुल गांधी के पास है। अब आगे चलकर राहुल गांधी इस विकल्प का इस्तेमाल करते हैं कि नहीं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम

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