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जानिए क्यों LAC पर अपने 1960 के दावे से आगे बढ़ रहा है चीन, क्यों सैनिकों की तैनाती सीमा के अंदर कर रहा…

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नई दिल्ली। चालबाज चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। बीते महीने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद चीन की सेना पीछे तो हटी है लेकिन चीनी सैनिक वर्तमान में पैंगोंग झील के उत्तरी तट के एक ऐसे क्षेत्र में मौजूद हैं। यह क्षेत्र 1960 में भारत के साथ बातचीत के दौरान हुए समझौते के बाद उसकी आधिकारिक सीमा से परे है।

दरअसल, 1960 में गलवान नदी के पश्चिमी इलाके, आसपास की पहाड़ियों और श्योक नदी घाटी पर चीन ने अपना दावा किया था, लेकिन भारत लगातार कहता रहा है कि अक्साई चिन उसका इलाका है। इसके बाद ही 1962 में भारत-चीन के बीच युद्ध हुआ। तब भी चीन ने यहां गोरखा पोस्ट पर हमला किया था। अब बीते महीने हुई हिंसक झड़प के बाद चीन की सेना एक बार फिर अपनी आधिकारिक सीमा से आगे निकल आई है।

अंग्रेजी अखबार द हिंदू’ ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि, गलवान घाटी के मोड़ पर 15 जून को हिंसक झड़प जिस वजह से हुई, वो टेंट भी चीन के क्षेत्रीय दावों से बाहर गाड़े गए थे। ये रिपोर्ट भारतीय पीएम और अधिकारियों के हालिया बयानों पर भी सवाल उठाते हैं, जिनमें दावा किया गया था कि भारत की सीमा पर चीनी सैनिक कहीं भी मौजूद नहीं हैं।

भारत चीन सीमा को लेकर पूर्व विदेश सचिव और चीन में राजदूत निरुपमा राव ने कहा, ‘चीनी अब एलएसी की अपनी धारणा की व्याख्या नए तरीके से कर रहे हैं। नई लाइनों के साथ पुराने दावों को फिर से परिभाषित करने की अधिकतम कोशिशें हो रही हैं, क्योंकि कार्टोग्राफी और इलाके के ज्ञान में सुधार हुआ है। जो उन्हें प्रमुख क्षेत्रों में सामरिक लाभ और अधिक ‘वर्चस्व’ प्रदान करता है। पैंगोंग त्सो के उत्तरी किनारे पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी फिंगर 4 तक पहुंच गई और भारत को फिंगर 4 पार करने से रोक दिया।’

यहां तक कि चीन अब फिंगर 4 पर अपना दावा कर रहा है, जबकि भारत का कहना है कि LAC फिंगर 8 पर है। चीन ने पहले 1999 में फिंगर 4 के लिए एक सड़क बनाई थी और फिंगर 4 तक हावी हो गया था, लेकिन मई के बाद से पहली बार फिंगर 8 पर एलएसी तक पहुंच गया। ऐसा करके चीन ने भारत को एलएसी पर फिंगर 8 से पूरी तरह से कटऑफ कर दिया है, ये इलाका पश्चिम में 8 किलोमीटर तक जाता है।

चीन अपनी मौजूदा वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के दावों को लागू करने के लिए सीमा विवाद की घटनाओं को बढ़ा रहा है। क्योंकि, पैंगोंग त्सो के उत्तरी किनारे पर कई छोटी-छोटी पर्वत चोटियां हैं जिन्हें ’फिंगर्स’ कहा जाता है। फिंगर 4 तक का इलाका हमारे नियंत्रण में है। लेकिन हम एलएसी पर सिरीजप तक फिंगर 8 तक गश्त करते रहे हैं। फिंगर 8 पर चीनियों की चौकी है। वह फिंगर 2 तक के इलाके पर अपना दावा करता है, जहां से इन दोनों सड़कों को खतरा पैदा किया जा सकता है।

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