News Room Post

India-China Tension: भारत-चीन कोर कमांडर्स की आज 16वीं बैठक, पड़ोसी देश की हेकड़ी दूर करने की है कोशिश

india china army 1

चुशूल। भारत और चीन की सेनाओं के कोर कमांडरों की 16वें दौर की मीटिंग आज होगी। ये बैठक चुशूल-मोल्डो में भारतीय इलाके में होगी। मीटिंग में भारत की तरफ से लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता और चीन की तरफ से दक्षिणी तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के चीफ मेजर जनरल यांग लिन हिस्सा लेंगे। इनके अलावा दोनों तरफ के और सैन्य अधिकारी भी मीटिंग में रहेंगे। दोनों देशों के बीच अब भी कई जगह विवादित इलाके हैं। इन इलाकों में साल 2020 में कोरोना के चरम के दौरान चीन ने घुसपैठ की कोशिश की थी। जिसकी वजह से दोनों सेनाओं में गलवान घाटी का संघर्ष भी हुआ था। इसमें भारत के कर्नल समेत 22 जवान शहीद हुए थे। जबकि, चीन के भी काफी सैनिक मारे गए थे। भारत लगातार कोशिश कर रहा है कि पड़ोसी देश की हेकड़ी दूर हो और दोनों के बीच रिश्ते सामान्य बनें।

पूर्वी लद्दाख में एलएसी और एयरस्पेस के मामले में भारत और चीन के बीच पुरानी अदावत है। 1962 में चीन ने भारत से जंग भी की थी। अभी चीन ने पिछले महीने अक्साई चिन इलाके में अपनी वायुसेना की एक्सरसाइज की थी। इस दौरान चीन के लड़ाकू विमान एलएसी के काफी पास पहुंच गए थे। जिसे देखते हुए भारतीय वायुसेना ने भी अपने लड़ाकू विमान भेजे थे। हालांकि, दोनों पक्षों के विमानों ने अपने इलाकों में ही गश्त लगाई और वापस लौट गए। चीन का दावा लद्दाख के पूर्वी इलाकों पर है। वो इसे अपना बताता है। जबकि, भारत का कहना है कि पूरा लद्दाख ही उसका है और चीन ने उसके कई हिस्सों पर जबरन कब्जा कर रखा है। फिलहाल विवादित इलाके में चीन और भारत ने बड़ी तादाद में सेना के जवान तैनात कर रखे हैं।

आज होने वाली मीटिंग में एलएसी पर पेट्रोलिंग प्वॉइंट 15 के अलावा डेपसांग और डेमचोक जैसे विवादित इलाकों से सेना हटाने के बारे में दोनों पक्ष बातचीत करेंगे। इसके अलावा पैंगोंग सो में चीन के बनाए नए दो पुलों के मसले पर भी बात हो सकती है। गलवान घाटी में पेट्रोलिंग प्वॉइंट 17 के आसपास भी काफी तनाव है। यहां चीन और भारत की सेनाएं आमने-सामने तैनात हैं। इस मसले पर भी आज की मीटिंग में चर्चा हो सकती है।

Exit mobile version