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Ladakh Standoff: भारत-चीन की सेनाओं के बीच 9वें दौर की वार्ता हुई, 15 घंटे तक चली बैठक

Indian -China Army

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में एलएसी पर भारत (India) और चीन (China) के बीच बीते कई महीनों से तनातनी जारी है। इस बीच करीब ढाई महीने के अंतराल के बाद रविवार 24 जनवरी को भारत और चीन के बीच सैन्य अधिकारी स्तर की 9वें दौर की बातचीत हुई। चीनी सीमा में मॉलडो (Moldo ) में हुई यह बैठक 15 घंटे तक चली। सैन्य सूत्रों के मुताबिक यह बैठक रविवार सुबह 11 बजे शुरू हुई और देर रात 2:30 बजे तक जारी रही। बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा हुई, फिलहाल इस बात की जानकारी नहीं मिली है। बता दें कि इससे पहले भारत और चीन के बीच छह नवंबर को आठवें दौर की वार्ता हुई थी।

लेह स्थित मुख्यालय 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पी.जी. के. मेनन ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। बैठक में भारत ने विवादित क्षेत्रों को पूरी तरह स्वतंत्र करने और सुरक्षा बलों को वापस बुलाने की मांग की है। सैन्य कमांडरों ने बैठक का विवरण प्रधानमंत्री कार्यालय को दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि भी बातचीत का हिस्सा थे। कोर कमांडर स्तर की आठवीं वार्ता 6 नवंबर को हुई थी। हालांकि वार्ता के बाद गतिरोध जारी रहा, दोनों देशों ने सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत और संचार बनाए रखने के लिए सहमति व्यक्त की थी।

भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने इस महीने की शुरूआत में कहा था कि सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर लंबे गतिरोध के लिए तैयार है, लेकिन साथ ही चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ उनके नौ महीने के लंबे संघर्ष के सौहार्दपूर्ण समाधान की उम्मीद भी जताई थी। जनरल नरवणे ने कहा, “हम अपनी जमीन छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। हम अपने राष्ट्रीय लक्ष्यों और राष्ट्र हितों को हासिल करने में लगे हैं।”


चूंकि सैनिकों की संख्या में कोई कमी नहीं हुई, इसलिए दोनों देशों के सैनिक माइनस 20 डिग्री सेल्सियस में बने रहने के लिए मजबूर हैं। भारत ने 30 अगस्त को रेचिन ला, रेजांगला, मुकर्पी, और टेबलटॉप जैसे दक्षिणी तट पर पैंगोंग झील के महत्वपूर्ण पहाड़ी ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया था, जो अब तक मानव रहित थे। भारत ने ब्लैकटॉप के पास भी कुछ तैनाती की थी। चीन द्वारा उकसाऊ गतिविधियों के बाद यह कदम उठाया गया था।

अब इन 13 चोटियों से भारत चीनी नियंत्रण के स्पैंगर गैप और साथ ही चीनी सीमा पर मोल्डो गैरीसन पर निगरानी रख सकता है। गलवान घाटी में दोनों पक्षों के बीच पिछले साल हुई हिंसा में भारत ने अपने 20 सैनिकों को खो दिया था, जबकि मरने वाले चीनी सैनिकों की संख्या अज्ञात है।

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