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भारत ने बढ़ाया दबाव तो चीन की आई अक्ल ठिकाने, अब देखिए कैसे मान रहा सारी बातें…

गौरतलब है कि तीन दिन पहले वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हुई हिंसक झड़प में एक कर्नल सहित सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद देशभर में गुस्सा का माहौल है।

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा विवाद के बीच भारत सरकार के सख्या रवैया के आगे चीन अब बेबस दिखाई दे रहा है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी चेतावनी के बाद चीन की अक्ल भी ठिकाने पर आ गई है, जिसके बाद अब चीन भारत सरकार की हर बात मानने को राजी हो रहा है।  गौरतलब है कि तीन दिन पहले वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हुई हिंसक झड़प में एक कर्नल सहित सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद देशभर में गुस्सा का माहौल है।

इस बीच भारत-चीन विवाद से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात हुई हिंसक झड़प के बाद चीन ने दस भारतीय सैनिकों को रिहा कर दिया है। सूत्रों के हवाले से ये दावा किया गया है कि चीनी ने दो मेजर समेत 10 भारतीय जवानों को बंधक बनाया था, जिन्हें तीन दिन की बातचीत के बाद रिहा करा लिया गया है। हालांकि, सेना की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है।

चीन और भारत के मेजर जनरल ने गलवान विवाद को सुलझाने के लिए लगातार तीसरे दिन बैठक की। गुरुवार की बैठक के बाद भारतीय सैनिकों को रिहा कर दिया गया। बता दें कि दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुए टकराव में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे, जबकि बड़ी संख्या में चीनी सैनिक भी हताहत हुए हैं।

इससे पहले 1962 में चीनी सेना ने भारतीय सैनिकों को बंदी बनाया था। गलवान घाटी में युद्ध के दौरान करीब 30 भारतीय जवान शहीद हुए थे और दर्जनों जवानों को चीनी सेना ने पकड़ लिया था। जिन्हें बाद में रिहा कराया गया था।

शहीद जवानों को अमेरिका ने दी श्रद्धांजलि

चीन के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के प्रति अमेरिका ने शुक्रवार को गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा, हम चीन के साथ हालिया टकराव के परिणामस्वरूप खोए हुए जीवन के लिए भारत के लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। हम सैनिकों के परिवारों, प्रियजनों और समुदायों को याद करेंगे, क्योंकि वे दुखी हैं।

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